शहर में पुरानी मंडी को पड्डल वार्ड और बस स्टैंड के साथ जोड़ने के लिए ब्यास नदी पर बनाया जा रहा पुल 5 वर्ष बीत जाने के बाद भी बनकर तैयार नहीं हो पाया है। 2017 में इस पुल का शिलान्यास किया गया था और उस वक्त इसे फुटब्रिज के तौर पर बनाया जा रहा था। लेकिन बाद में इसके डिजाईन में बदलाव किया गया और इसे मोटरेबल कम फुटब्रिज बनाने का निर्णय लिया गया। पहले फुटब्रिज पर 3 करोड़ 35 लाख का खर्च आना था जो बाद में मोटरेबल ब्रिज बनाने के चलते अब इसपर 10 करोड़ 91 लाख की राशि खर्च की जा रही है।
वर्ष 2018 में इस पुल का निर्माण कार्य शुरू हुआ। बीच में कोरोना और अन्य कारणों से काम रूकता रहा और यही इसके निर्माण की देरी की वजह भी बना। स्थानीय निवासी एसआर राजू, करूण शर्मा और भारत भूषण ने सरकार और विभाग से इस पुल को शिवरात्रि महोत्सव से पहले तैयार करने की मांग उठाई है।
लोगों का कहना है कि पुरानी मंडी के लोगों को बस स्टैंड, पड्डल और मंडी शहर जाने के लिए काफी घुमकर जाना पड़ता है। जबकि पुल बन जाने से उन्हें आने-जाने में आसानी होगी। लेकिन निर्माण कार्य में हो रही देरी के कारण लोग विभाग की कार्यप्रणाली से खफा हैं।
लोक निर्माण विभाग मंडी मंडल के अधिशासी अभियंता बीसी नेगी ने बताया कि पुल का निर्माण कार्य जारी है और इसे शिवरात्रि महोत्सव पहले तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। पुल के पास भूमि अधिग्रहण की कुछ प्रक्रिया शेष रह गई और इसका प्रोसेस चला हुआ है। जल्द ही सारा प्रोसेस कंपलीट करके पुल जनता को समर्पित कर दिया जाएगा।