सनातन धर्म मंदिर राजगढ़ में सात दिवसीय श्री मद भागवत कथा आज संपन हो गई यहां काबिले जिक्र है कि सनातन धर्म मंदिर कमेटी द्वारा पिछले लगभग 14 सालो से आम जनता के सहयोग से विश्व शांति एवं विश्व की प्राकृतिक आपदाओ से रक्षा एवं क्षेत्र की सुख शांति व आम जन मानस के कल्याण के लिए हर यहाँ मंदिर परिसर में भागवत का आयोजन करता आ रहा है । इस बार इस भागवत महायज्ञ में कथा का व्याख्यान भागवताचार्य आचार्य विजय भारद्वाज द्वारा किया गया । कथावाचक आचार्य विजय भारद्वाज ने कहा कि इस विश्व में सभी सुखी और रोगमुक्त रहे और किसी को भी दुःख का भागी न बनना पड़े , इसी उदेश्य से समस्त जीव जगत के कल्याण के लिए भागवत ज्ञान यज्ञ का आयोजन सनातन धर्म मंदिर में करवाया जा रहा है । इस ग्रन्थ में धर्म , अर्थ , काम व मोक्ष चारो पुरुषार्थ को प्राप्त करवाने का सामर्थ्य है । भक्ति ,ज्ञान और वैराग्य को हमारे जीवन में प्रविष्ट करवाने का यह सर्वोपरि श्रेष्ठ ग्रंथ है इस ग्रन्थ से जीवन जीने का मार्ग प्रशस्त होता है । और कलियुग में मोक्ष प्राप्ति का सबसे सरल तरीका इसी ग्रंथ में बताया गया है ।
कथावाचक आचार्य विजय भारद्वाज ने व्यास पीठ से कृष्ण भगवान् की लीलाओं का व्याख्यान कर भक्तो को भाव विभोर किया । उन्होंने कहा कि भक्ति की तीन धाराए विश्वास ,संबंध और समपर्ण है । और इन तीन चीजो का समावेश जरूरी है । इसी प्रकार जीवन में कष्ट देने वाले तीन शूल काम . क्रोध और मोह से दूर रहना जरूरी है । उन्होंने आगे कहा कि हम जैसे कर्म करते है वैसे ही फल की प्राप्ति होती है । इसलिए मनुष्य को चाहिए की वह शुभ कर्म करके इस मनुष्य देह को सफल व सार्थक बनाये । उन्होंने कहा कि भक्ति , ज्ञान ,वैराग्य और त्याग का संयोग ही भागवत है । कलयुग में हर प्राणी के लिए श्रीमद भागवत कथा सर्वश्रेष्ठ है प्रार्थना एसी संस्कृति है । जिससे भगवान को प्राप्त किया जा सकता है । प्रार्थना से भगवान प्रसन्न होते है और कष्ट दूर होते है । उन्होंने कथा में अजामिल के चरित्र का वर्णन किया और बताया कि नारायण नाम लेने मात्र से उसका उद्दार कैसे हो गया । सात दिवसीय इस भागवत महा पुराण में प्रतिदिन पुराण का मूल पाठ ,पूर्वागं पूजन ,भजन कीर्तन,कथा प्रवचन, व भंडारे का आयोजन होता रहा आज भागवत पुराण का समापन आज हवन यज्ञ एवं विशाल भंडारे के साथ हुआ ।