सोने के दाम लगातार आसमान छू रहे हैं. 10 ग्राम सोने की कीमत अधिकतर शहरों में 59 हजार के करीब है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो आने वाले समय में सोना जल्द ही 60 हजार के पार पहुंच सकता है. चांदी के दामों में भी वृद्धि देखी जा सकती है. लेकिन, क्या आपने कभी सोचा कि इतने महंगे दामों में मिलने वाला सोना पुराने जमाने में किस किस कीमत में मिलता रहा होगा?
1963 में मिट्टी के मोल था सोना
आपको जानकर हैरानी होगी कि आजादी के बाद अगर सोने के रेट में अगर सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली तो वो साल 1964 में, जब सोना मिट्टी के मोल हो गया था. महज 63 रुपए में 10 ग्राम सोना मिल जाया करता था. जबकि आजादी के समय सोने का भाव 88.62 रुपए था.
इंडियन पोस्ट गोल्ड कॉइन सर्विसेज के मुताबिक, आजादी के पांच साल पहले यानी साल 1942 में 10 ग्राम सोने का भाव 44 रुपए हुआ करता था. वहीं आजादी के समय बढ़कर 88.62 रुपए तक पहुंच गया था, लेकिन आजादी के बाद अब तक अगर सोने के भाव में सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली तो वह साल 1964 में, जब सोने का रेट 63.25 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गई थी.
1959 में 113 रुपए था सोने का भाव
बता दें कि अभी कुछ दिन पहले साल 1959 के सोने के आभूषणों का एक बिल वायरल हुआ था, जिसमें 63 साल पहले सोने की कीमत 113 रुपए प्रति 10 ग्राम थी.
यह बिल महाराष्ट्र के पुणे जिले का है. इस बिल में दुकानदार का नाम मेसर्स वामन निंबाजी अष्टेकर लिखा हुआ है. वहीं तारिख वाले कॉलम में 3 मार्च 1959 लिखा हुआ है. जिस व्यक्ति ने सोना खरीदा है उसका नाम शिवलिंग आत्माराम है. बिल पर दो तरह के सोने के आभूषण खरीदे गए हैं. एक की कीमत 113 के हिसाब से 621 रुपए, जबकि दूसरे की कीमत 251 रुपए लिखी हुई है. वहीं व्यक्ति ने चांदी भी खरीदा है. बिल में टोटल देय राशि 909 रुपए लिखी गई है. यह बिल 6 दशक पुराना है, जो काफी वायरल हो रहा है.