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बांस को हरा सोना कहा जाता है. ये भी कहा जाता है कि बंजर से बंजर भूमि को ये बांस की खेती से उपजाऊ बनाया जा सकता है. दूसरी तरफ़ इसकी खेती से अच्छा खासा मुनाफा भी कमाया जा सकता है. ऐसे में अब सरकार ने भी अब बांस की खेती पर 50% सब्सिडी देने का ऐलान किया है.
पहले बांस की खेती से करोड़पति बनने वाले किसान को जान लें
महाराष्ट्र के ओसमनाबाद के निपानी गांव के किसान राज शेखर पाटिल एक उदाहरण हैं. उन्होंने 40 हजार बांस के पेड़ अपने खेतों के चारों तरफ लगाए थे. और बस 2 से 3 साल में 40 हजार बांस से 10 लाख बांस उपजे. धीरे-धीरे लोग उनसे बांस खरीदने आने लगें.
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पहले साल उन्होंने 1 लाख रुपये के बांस बेचें. अगले दो सालों में उन्हें उन्हीं बांसों से 20 लाख रुपये का मुनाफा हुआ. इसके बाद उन्होंने अपनी 30 एकड़ जमीन के चारों तरफ बांस उगाना शुरू कर दिया. अब वह 54 एकड़ जमीन के मालिक हो गए हैं और बांसों से वह करोड़पति बन गए हैं.
सरकार क्या कर रही
केंद्र सरकार राष्ट्रीय बांस मिशन योजना लेकर आई है.इससे बेरोजगार युवकों और किसानों को बांस उगाने पर 50 फीसदी की सब्सिडी दी जाएगी. वहीं छोटे किसानों को एक पौधे पर 120 रुपये की सब्सिडी दी जाएगी. इस दौरान बांस के पौधे वन विभाग द्वारा उपलब्ध कराए जाएंगे.
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जुलाई में होती है बांस की रोपाई
बांस की खेती की रोपाई जुलाई के महीने में ही होती है. बांस दो महीने में अपना पूरा विकास कर लेता है. बांस की कटाई उसके उपयोग पर निर्भर करता है. टोकरी बनाने वाली बांस की जरूरत हो तो 3-4 साल पुरानी फसल से काम चल जाता है और मजबूती के लिए चाहिए तो 6 साल पुरानी बांस की जरूरत पड़ती है. इसकी कटाई का समय अक्टूबर से दिसंबर तक होता है.