स्‍वर्गीय प्रधानमंत्री राजीव गांधी की स्‍थानीय निकायों की मजबूत नींव को खोखली कर रही सुक्‍खू सरकार:शैलेंद्र

हार सामने देख लोकतंत्र की हत्‍या करके नगर निगम क्षेत्र में विधायकों को दे रही वोटिंग का अधिकार

भारतीय जनता पार्टी सोलन के जिला प्रवक्ता शेलेद्र गुप्ता ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा की स्‍व. प्रधानमंत्री राजीव गांधी की  पंचायत और स्‍थानीन निकायों को मजबूत करने की नींव को सुक्‍खू सरकार खोखली कर रही है। मेयर- डिप्‍टी मेयर चुनावों में हार के डर से लोकतंत्र की हत्‍या करने से भी चारों ओर नाकाम सुक्‍खू सरकार चूक नहीं रही है। पहले चारों नगर निगमों में दो फेस में महापौर और उपमहापौर का चुनाव करवाना और चुनाव के बीच में नगर निगम में विधायकों को चुनाव का अधिकार देना कांग्रेस की ओच्‍छी राजनैतिक चाल का घटिया का घटिया उदाहरण है।
सोलन भाजपा के प्रवक्‍ता  का कहना है कि
चारों नगर निगमों में मेयर-डिप्‍टी मेयर के चुनावों में कांग्रेस लोकतंत्र में वोटिंग व्‍यवस्‍था से भद्दा मजाक कर रही है। सुक्‍खू सरकार अफसर शाही पर दबाव डालकर इस घिनौने कार्य को करने में लगी हुई है !

पहले दो फेस में चुनाव और बाद में विधायकों को वोटिंग राइट दिलवा रही है। भाजपा प्रवक्‍ता का मानना है कि इसी कड़ी की अंतिम चाल में अब कांग्रेस सरकार  नगर निगम में विधायकों के वोटिंग के अधिकार का ऑर्डिनेंस लाने की तैयारी में जुटी हुई है। क्‍योंकि बिना अध्यादेश लाए  इस तरह का संशोधन नहीं हो सकता।
शैलेंद्र ने कहा कि पहली चाल चलते हुए सुक्‍खू सरकार ने अधिसूचना जारी की और दो फेस में चुनाव करवाए। जब चुनाव आयोग 55 लाख वोटरों वाले हिमाचल में एक ही फेस में वोटिंग करवा सकता है तो सुक्‍खू सरकार महज 64 वोटों वाले चारों नगर निगमों के महापौर और उपमहापौर के चुनाव दो फेस में करवा कर चुनावी व्‍यवस्‍था के साथ खेल रही है।
इससे साफ प्रतीत होता है क‍ि सुक्‍खू सरकार हार से डरी है। जिससे बचने के लिए घटिया राजनीति करते हुए पहले  केवल मंडी और पालमपुर के चुनाव करवाए। क्‍योंकि मंडी में भाजपा और पालमपुर में कांग्रेस के मेयर और डिप्‍टी मेयर तय हैं। ऐसे कांग्रेस ने बाजी पहले 1-1 से बराबर कर ली। वहीं, कांगड़ा और सोलन जहां बेहद करीबी मामला है और एक वोट बाजी पलट सकती है, वहां कांग्रेस ने विधायकों को वोटिंग अधिकार देकर बाजी मारने की घटिया कोशिश की है।
उनका कहना है की भाजपा चुनावी व्‍यवस्‍था का मजाक इस तरह  सहन नहीं करेगी। जरूरत पड़ी तो अदालत का दरवाजा खटखटाएगी।