जान हथेली पर रख कर लड़कियां और कर्मचारी रात भर बुझाते रहे आग
सोलन के समीप कालाघाट में भीषण आग लगी थी। जिसे वन विभाग के कर्मचारी अपना जीवन दांव पर लगाकर दोपहर से ही बुझाने का प्रयास कर रहे थे। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि यह आग जंगलों में करीबन चार किलोमीटर तक फैली हुई थी। आग बेहद ही भयंकर थी और जिसकी लपटें पंद्रह फीट आसमान तक जा रही थी। इस भयंकर आग के बीच वन विभाग के कर्मचारी लगातार आग को बुझाने का प्रयास कर रहे थे। हैरानी वाली बात यह है की आसपास गाँव के लोग कोई भी उनकी मदद के लिए नहीं आ रहे थे। वन विभाग के कर्मचारी साथ लगती पंचायत के प्रधान को और चुने हुए प्रतिनिधियों को मदद की गुहार लगाते रहे। लेकिन कोई भी व्यक्ति उनकी मदद के लिए नहीं पहुंचा .आते-जाते लोग भी वहां पर आग का वीडियो बनाते रहे कुछ लोग सेल्फी खींचकर चले गए। लेकिन वन विभाग के कर्मचारियों की आग बुझाने में किसी भी स्थानीय व्यक्ति ने मदद नहीं की। कमाल की बात यह है कि आठ घंटे तक दमकल विभाग की गाडियां भी नहीं पहुंची।
वन विभाग के रेंज ऑफिसर नीमा छेरिंग और डिप्टी रेंजर नीलम ठाकुर ने रोष प्रकट करते हुए कहा कि वह सुबह से आग बुझाने में लगे हैं लेकिन स्थानीय व्यक्ति कोई भी मदद के लिए नहीं आया है। वहीँ फायर ब्रिगेड के कर्मचारी जगह जगह आग लगने के कारण वह भी नहीं पहुंच पाए है। आठ घंटों से वह करीबन दस कर्मचारी आग बुझाने में लगे है जिसमें लड़कियां भी शामिल है जो जिंदगी दाव पर लगा कर आग बुझा रही है । उन्होंने कहा कि साथ लगती पंचायत को उनके द्वारा सूचित किया गया था लेकिन वह भी नहीं आए। प्रतिनिधियों ने उन्हें जवाब दिया है कि, उन्हें इन जंगलों से कोई लगाव नहीं रह गया है। क्योंकि ना वह इन वनों से घास ले सकते हैं और ना ही लकडियां । इसलिए हम मदद के लिए नहीं आ पाएंगे। यही कारण है कि यह आग लगातार फैलती जा रही है जिस कारण वनों को भारी नुकसान पहुंच रहा है।