15 राज्यों की 56 राज्यसभा सीटों पर चुनाव का ऐलान हो चुका है. अप्रैल की शुरुआत में इन सभी राज्यसभा सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो रहा है. चुनाव आयोग ने इन सभी सीटों के लिए 27 फरवरी को मतदान की तारीख तय कर दी है. हिमाचल प्रदेश में भी राज्य सभा की एक सीट खाली हो रही है. हिमाचल से राज्य सभा सदस्य बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल खत्म हो रहा है और मौजूदा समीकरण के हिसाब से ये सीट कांग्रेस को मिलनी तय है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि सोनिया गांधी या प्रियंका गांधी हिमाचल से राज्यसभा भेजी जा सकती हैं. माना जा रहा है कि जीत तय होने की वजह से गांधी परिवार के किसी सदस्य को राज्यसभा की टिकट मिल सकती है.
प्रतिभा सिंह ने क्या कहा- हिमाचल से कौन होगा कांग्रेस का राज्यसभा उम्मीदवार ? इस सवाल के जवाब में हिमाचल प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने कहा है कि फिलहाल चुनाव का ऐलान हुआ है और पार्टी इस बारे में चर्चा करेंगी और फिर नाम फाइनल किया जाएगा.
“अभी इसे लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है. कांग्रेस संगठन से लेकर मुख्यमंत्री व अन्य नेता मिलकर उम्मीदवार के नाम पर विचार विमर्श करेंगे. इसके बाद जो नाम तय होगा उसके नाम पर मुहर लगेगी”- प्रतिभा सिंह, अध्यक्ष, हिमाचल कांग्रेस
क्या है समीकरण- गौरतलब है कि इस समय हिमाचल में कांग्रेस की पूर्व बहुमत वाली सरकार है. विधानसभा में कांग्रेस के 40, बीजेपी के 25 और 3 निर्दलीय विधायक हैं. इस लिहाज से ये सीट कांग्रेस की झोली में जाना तय है. हिमाचल में राज्यसभा की 3 सीटें हैं, जो मौजूदा समय में बीजेपी के पास हैं. इस समय जेपी नड्डा, इंदू गोस्वामी और सिकंदर कुमार हिमाचल से राज्यसभा सदस्य हैं.
जेपी नड्डा 3 अप्रैल 2018 को राज्यसभा सदस्य बने और अब अप्रैल में उनका कार्यकाल खत्म होने वाला है. वहीं इंदू गोस्वामी 10 अप्रैल 2020 और सिकंदर कुमार 3 अप्रैल 2022 में राज्यसभा पहुंचे थे. राज्यसभा सदस्य का कार्यकाल 6 वर्ष का होता है, इस लिहाज से इंदू गोस्वामी का कार्यकाल 2026 और सिकंदर कुमार का कार्यकाल 2028 में खत्म होगा.
कांग्रेस में माथापच्ची- सोमवार 29 जनवरी को राज्यसभा चुनाव की तारीख के साथ ही कांग्रेस में माथापच्ची का दौर शुरू हो गया है. दरअसल इस साल लोकसभा चुनाव भी होने हैं. हिमाचल में लोकसभा की चार सीटें हैं और बीजेपी का दावा है कि 2019 और 2014 की तरह वो चारों सीटें जीतेगी. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है और पार्टी के लिए लोकसभा चुनाव नाक का सवाल हैं. इस बीच कांग्रेस के लिए लोकसभा से पहले राज्यसभा के लिए उम्मीदवार तलाशना बड़ी चुनौती है. इस उम्मीदवारी के लिए जातिगत समीकरण से लेकर सरकार और संगठन का तालमेल बिठाने के साथ-साथ कांग्रेस को कई मोर्चों को साधना होगा.