वर्क फ़्रॉम होम के कई फ़ायदे हैं, ट्रैवल टाइम बचता है, फ़ैमिली के साथ ज़्यादा समय मिलता है आदि. वर्क फ़्रॉम होम करते-करते भविष्य में इंसान कैसे दिखेंगे? इस सवाल का एक्सपर्ट्स ने जो जवाब दिया है, वो देखकर लोग आज से ही ऑफ़िस जाना शुरू कर देंगे! रिसर्चर्स ने पता लगा लिया है कि 70 साल बाद यानि 2100 तक वर्क फ़्रॉम होम वाले कैसे दिखेंगे.
वर्क फ़्रॉम होम से बदल जाएगा शरीर का ढांचा
कोविड-19 पैंडेमिक के बाद दुनियाभर के बहुत से लोगों ने वर्क फ़्रॉम होम करना शुरू कर दिया. गौरतलब है कि एक सदी तक अगर इंसान ऐसे ही काम करता रहा तो उसका शरीर का ढांचा पूरी तरह से बिगड़ जाएगा.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ये ‘न्यू नॉर्मल’ इंसानों के लिए बेहद खतरनाक है. लैपटॉप पर काम करने वाले लोग कभी बिस्तर पर आधा लेटे हुए, कभी सोफ़े पर आराम से बैठकर काम करते हैं. इसका सीधा असर हमारे पॉस्चर पर पड़ता है.
सूजी आंखें, कुबड़ी पीठ, मुड़ी हुई उंगलियां
फ़र्नीचर ऐट वर्क के शोधार्थियों ने एना नाम की एक 3D Model तैयार की है. एना की पीठ कुबड़ी है, उसकी आंखें सूजी हुई हैं, उसके पैर सूज गए हैं और उसकी हाथ की उंगलियां मुड़ गई हैं. और ये सब लगातार वर्क फ़्रॉम होम करने का ही नतीजा है.
बिस्तर पर काम करने से हुई कुबड़ी पीठ
UK के यूनिवर्सिटी ऑफ़ लीड्स के शोधार्थियों ने रिसर्च के बाद एना को बनाया है. रिसर्च में पता चला कि UK के 1/3rd लोगों के पास घर में अलग से वर्कस्पेस नहीं है. इस वजह से आगे चलकर कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं. एना को बनाने में मेडिकल एक्सपर्ट्स की भी मदद ली गई. दिनभर स्क्रीन की तरफ़ नज़रें टिकाए बैठे रहने की वजह से एना की आंखें सूज गईं.
ताज़ी हवा न मिलने से, एक्सरसाइज़ न करने की वजह से एना का वज़न बढ़ गया और इम्युन सिस्टम भी कमज़ोर हो गया.
एना न बनने के क्या उपाय हैं?
एक्सपर्ट्स ने वर्क फ़्रॉम होम करने वालों को एना बनने से बचाने के लिए और खुद को स्वस्थ रखने के लिए भी कुछ उपाय बताए हैं. यूनाइटेड मेडिकल एजुकेशन के फ़ाउंडर ब्रायन क्लार्क ने कहा, ‘वर्क फ़्रॉम होम करने वालों को रेगुलर ब्रेक्स लेकर स्ट्रेचिंग करनी चाहिए. गर्दन में दर्द और पीठ दर्द न हो इसलिए बॉडी को मूव करते रहना चाहिए.’ ब्रायन ने ढंग का वर्कस्पेस सेटअप करने की भी एडवाइस दी.
प्रोएक्टिव हेल्थकेयर की डायरेक्टर सैरा गिबसन ने 20-20-20 रूल अपनाने की हिदायत दी. उन्होंने कहा कि हर 20 मिनट के बाद 20 सेकेंड के लिए 20 फ़ीट की दूरी पर कोई चीज़ पर ध्यान लगाएं.