प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 4700 नर्सरी टीचर ट्रेनिंग (NTT) शिक्षकों की भर्ती जल्द शुरू होगी। सीएम सुक्खू की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट की बैठक में एनटीटी भर्ती को लेकर सोमवार को बड़े फैसले की उम्मीद लगाई जा रही है।
दरअसल, नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर एजुकेशन (NCTE) ने हिमाचल को मान्यता प्राप्त संस्थानों की सूची भेज दी है, लेकिन इसमें हिमाचल का एक भी संस्थान नहीं है। ऐसे में अब प्रदेश सरकार इस पर क्या फैसला लेगी, ये देखने वाली बात होगी।
सूत्रों के अनुसार वर्ष 2014 से पहले जिन उम्मीदवारों ने एनटीटी का एक साल का डिप्लोमा किया है। उनके लिए ब्रिज कोर्स अनिवार्य नहीं होगा। क्योंकि उस समय तक यह कोर्स केवल एक ही साल का होता था। इसके बाद जिन्होंने एक साल का डिप्लोमा किया है, उन्हें छह महीने का ब्रिज कोर्स करना होगा।
शिक्षा विभाग पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि एनसीटीई से मान्यता प्राप्त संस्थानों से जिन अभ्यार्थियों ने एक साल का एनटीटी कोर्स किया है, वह भर्ती के लिए पात्र होंगे। नियुक्ति के एक साल के भीतर उन्हें 6 महीने का ब्रिज कोर्स करना अनिवार्य होगा। ब्रिज कोर्स उत्तीर्ण करने के बाद उनकी शैक्षणिक योग्यता पूरी मानी जाएगी। जिन अभ्यर्थियों के एनटीटी कोर्स मान्यता प्राप्त संस्थान से नहीं हुए हैं या नियामक आयोग ने संस्थानों की मान्यता को रद्द कर दिया है। उन संस्थानों के छात्र ब्रिज कोर्स के लिए भी पात्र नहीं माने जाएंगे।
अब आगे क्या
शिक्षा विभाग भर्ती के लिए जल्द नियम फाइनल करेगा। एनटीटी भर्ती के लिए एनसीटीई के नियम पहले स्पष्ट है। उसी तर्ज पर यह भर्ती होगी। इसके प्रारूप को अंतिम रूप देकर प्रस्ताव राज्य मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। कैबिनेट मंजूरी के बाद इसके लिए भर्ती की प्रक्रिया शुरू होगी। भर्ती स्थायी होगी या अस्थायी यह भी कैबिनेट तय करेगी।