प्रदेश में पहली बार हिमाचल प्रदेश में आयोजित बाल सत्र में मुख्यमंत्री की भूमिका निभाने वाली सुंदरनगर की जाहन्वी के घर पहुंचने पर परिजनों ने उसका जोरदार स्वागत किया। शहर के भोजपुर निवासी जाहन्वी के पिता संजीव कुमार व्यापारी है, जबकि माता देवना गृहणी हैं।
बाल सत्र में बतौर मुख्यमंत्री का अनुभव साझा करते हुए जाहन्वी ने कहा कि यह पल उनके लिए अविस्मरणीय रहेंगे। विशेष तौर पर स्वयं मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने उन्हें मुख्यमंत्री कहकर संबोधित किया तो यह अपने आप में एक बड़ी बात है। स्कूलों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली तथा राजनीति में ज्यादा रुचि नहीं होती है, लेकिन इस तरह के कार्यक्रमों से स्कूली छात्र- छात्राओं में भी सरकार के कार्यकलापों तथा राजनीति को लेकर रुचि बढ़ेगी।
जाहन्वी ने कहा कि सरकार में पक्ष और विपक्ष की भूमिका के बारे में बाल सत्र के माध्यम से पता चला व राज्य को चलाने के लिए दोनों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। सत्र के दौरान उन्होंने विपक्ष के सवालों के जवाब तो दिए लेकिन साथ ही शिक्षा और स्वास्थ्य को लेकर भी अपनी बात रखी।
जाहन्वी ने कहा कि उनके जीवन का लक्ष्य आईएएस व आईपीएस ऑफिसर बनना है, जिसके लिए वह अभी से प्रयत्नशील है। परिपक्वता के साथ अपनी बात रखने वाली जाहन्वी ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार लाने की अत्यंत आवश्यकता है। कई स्कूलों में स्टाफ की कमी है तो कई जगह पर बच्चों की संख्या कम है।
वर्तमान में हालात यह है कि सभी सरकारी नौकरी चाहते हैं, लेकिन अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में नहीं पढ़ाना चाहते जो एक चिंतनीय विषय है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल खोले जाने चाहिए, ताकि वहां के बच्चे शिक्षा से वंचित न रह सकें। स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी और बेहतर कार्य करने की जरूरत है।
जाह्न्वी ने कहा कि बाल सत्र को तभी सफल माना जाएगा यदि इस सत्र में उठाई गई बातों पर गौर कर उन्हें अमलीजामा पहनाया जाएगा। जाहन्वी ने बताया कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बाल सत्र में हिस्सा लेने वाले सभी बच्चों को आश्वस्त किया है कि इसे पूरी गंभीरता से लिया जाए। उन्होंने कहा कि कई कार्य पहले से चल रहे हैं। जो शेष है उन पर भी कार्य किया जाएगा।