हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार को हुई भारी बारिश से सिरमौर जिला अन्य जिलों की अपेक्षा सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। हर तरफ तबाही का मंजर देखने को मिल रहा है। जगह-जगह भूस्खलन थमने का नाम नहीं ले रहे है। ताजा मामले में सिरमौर जिला की ग्राम पंचायत भजौन के गांव काटली मानल में गौशाला पर तीन पेड़ गिरने से पांच बकरियों की मौत हो गई है।
जानकारी के अनुसार स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि गांव के नजदीक बहने वाले खड्ड के कारण पिछले 15 वर्षों से हर बरसातों में उन्हें ऐसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लेकिंन इस बार की भारी बारिश के कारण खड्ड में पानी इतना बढ़ गया है कि ग्रामीणों के घरों व खेतों में मलबा आना शुरू हो गया है। कईं मकान गिरने की कगार पर है। मकानों पर मलबा आने का मुख्य कारण गांव के ऊपर के रास्ते पर बनने वाला रोड है, जिससे गांव पर लगातार भूस्खलन का खतरा बना हुआ है। भारी बारिश होने से लगातार भूस्खलन जारी है। हाल ही में हुई भारी बारिश से गौशाला में बंधी पांच बकरियों की मलबे में दबने से मौत हो गई है। जिसकी रिपोर्ट पटवारी, राजस्व विभाग व सभी संबंधित अधिकारियों को भेज दी गई है।
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ऐसे में स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग है कि सड़क के ऊपर मजबूत दिवार व सड़क के नीचे 50 मीटर तक मोटी सीमेंट पाइपों को दबाया जाए, जिससे खड्ड में बहने वाले पानी से गांव के लोगों का जीवन प्रभावित न हो। साथ ही यह भी मांग की है कि भविष्य में रोड गांव से 200 मीटर दूर दूसरी दिशा से घुमाकर बनाया जाए ताकि गांव पर बरसातों में भूस्खलन का खतरा न हो।
वहीं, ग्रामवासी जाती राम, चंबेल सिंह पुंडीर, धर्म सिंह पुंडीर, रमेश पुंडीर, रघुवीर सिंह पुंडीर, सुरेंद्र सिंह पुंडीर एवं धनवीर सिंह पुंडीर आदि ग्रामीणों ने बताया की ग्राम वासियों ने इस समस्या को पहले भी सरकार के समक्ष रखा था, लेकिन अभी तक इस समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ है। इसलिए सभी ग्रामवासी पत्रकारिता के माध्यम से सरकार तक अपनी बात पहुंचाना चाहते है ताकि जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान हो सके।