.इस दौरान सभी गुरुद्वारों में गुरुमत समागम आयोजित किया जा रहे हैं.जिसमें शबद कीर्तन सहित अनेक कार्यक्रम हो रहे हैं.
इसी के चलते सोलन के चंबाघाट में भी सिख समुदाय के लोगों ने शहीदी सप्ताह में लंगर का आयोजन किया जानकारी देते हुए समुदाय के लोगों ने बताया कि इसमें देशभर की संगते आकर शबद कीर्तन कर रही हैं. सन् 1704 में चमकोर के युद्ध में गुरु गोविंद सिंह जी के चार साहबजादे शहीद हुए थे.जन्मे साहबजादों को दीवारों में चीनवा दिया गया था.
सरदार हरवंत सिंह ने बताया कि गुरु गोविंद सिंह ने हमेशा सिख धर्म और सनातन धर्म की रक्षा की और उनका परिवार रक्षा के लिए शहीद हो गया. गुरु गोविंद सिंह हमेशा जुर्म के खिलाफ लड़े
उन्होंने कोई जाति पंथ धर्म नहीं देखा .पहाड़ी राजाओं और मुगलों को यह मंजूर नहीं था.इस युद्ध में गुरु गोविंद सिंह के दो साहबजादे शहीद हुए थे और दो साहबजादो को दीवारों में चीनवा दिया गया था.उन्होंने बताया कि अगर गुरु गोविंद सिंह नहीं होते तो हिंदुस्तान में ना सिख होते ना हिंदू होते. सिर्फ मुस्लिम ही होते .