: जब प्रशासनिक अधिकारी किसी जरूरतमंद के घर जाकर अपना सामाजिक दायित्व निभा आता है तो सच में दिल से दुआएं ही निकलती हैं, और जब ये दुआएं वृद्धों के मुंह से निकले तो कहना ही क्या। बमसन तहसील के संगरोह गांव के 97 वर्षीय इंद्र सिंह और 94 वर्षीय मरचू राम लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे तथा राजस्व संबंधी कार्यों के लिए टौणी देवी तहसील में नहीं पहुंच पा रहे थे।
इस बात की जानकारी जब तहसीलदार बमसन डॉक्टर आशीष शर्मा तक पहुंची तो उन्होंने अपने सामाजिक दायित्व को निभाते हुए स्वयं संगरोह गांव पहुंचकर वृद्ध व्यक्तियों का काम करने की ठान ली। सोमवार को डॉक्टर आशीष शर्मा बमसन तहसील के संगरोह गांव के 97 वर्षीय इंद्र सिंह और 94 वर्षीय मरचू राम के घर पहुंचे और घर पर ही राजस्व रिकॉर्ड से संबंधित दो एफिडेविट अटेस्टेड कर दिए।
तहसीलदार स्तर के अधिकारी को घर में पाकर वृद्ध नागरिकों की आंखों में खुशी चमक रही थी। उन्होंने ऐसे अधिकारियों पर नाज जताया जो जरूरतमंदों के लिए हर वक्त ड्यूटी देने के लिए तत्पर रहते हैं।
आपको बता दें कि तहसीलदार बमसन डॉक्टर आशीष शर्मा इससे पहले भी देश सेवा को जाने वाले अग्निवीरों की भर्ती के समय सुर्खियों में रहे हैं। उस वक्त उन्होंने युवकों के एफिडेविट बिना किसी खर्च के तहसील कार्यालय में ही टाइप करवा अटेस्टेड किए थे।
इस बारे में बमसन तहसीलदार डॉक्टर आशीष शर्मा ने बताया कि उनका ध्यान रहता है कि जरूरतमंदों और सीनियर सिटीजन को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से उन्हें लगता है कि वह अपने दायित्व और ड्यूटी को और बेहतर तरीके से निभा सकते हैं।