शिवजी को भूलकर भी ना चढ़ाएं ये चीजें, बम भोले हो जाएंगे नाराज, रुद्राभिषेक में रखें इनका ध्यान

Sawan 2023: महादेव को प्रसन्न करने के लिए शिव भक्त कई तरह से पूजा अर्चना करते हैं, ताकि उन पर हमेशा महादेव का आशीर्वाद बना रहे। लेकिन जाने अनजाने हम कुछ ऐसी चीजें शिवलिंग पर अर्पित कर देते हैं, जिससे महादेव नाराज भी हो सकते हैं। शिव पुराण में कुछ ऐसी ही चीजों के बारे में बताया गया है, जिनको शिवलिंग पर चढ़ाने से बचना चाहिए..

sawan 2023 do not offer these things on shivling according to shiv puran
सावन के पहले सोमवार का व्रत 10 जुलाई को किया जाएगा और इस दिन शिवलयों में काफी भीड़ भी देखने को मिलती है। हर भक्त अपनी अपनी तरह से महादेव को प्रसन्न करने के लिए पूजा अर्चना करते हैं। भगवान शिव को भोलेनाथ भी कहा जाता है और विनाशक भी। नाम के अनुसार, भक्तों पर बहुत जल्द प्रसन्न भी होता जाते हैं और क्रोध के रौद्र रूप भी धारण कर लेते हैं। शिव पुराण में बताया गया है कि भगवान शिव की पूजा में कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। कुछ चीजें ऐसी होती हैं, जिनको शिव पूजन के दौरान अशुभ माना गया है। ऐसा करने से भगवान शिव नाराज हो जाते हैं और पूजा का शुभ फल भी नहीं मिलता। आइए जानते हैं इन चीजों के बारे में…

हल्दी

हल्दी

कई ऐसे धार्मिक कार्य होते हैं, जो हल्दी के बिना पूरे नहीं होते लेकिन भगवान शिव की पूजा में हल्दी का प्रयोग नहीं किया जाता। हल्दी का इस्तेमाल सौंदर्य प्रसाधन में किया जाता है। शास्त्रों में बताया गया है कि हल्दी स्त्रियों से संबंधित वस्तु है और शिवलिंग को पुरुष तत्व माना गया है। इसी वजह से भगवान शिव की पूजा में हल्दी का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

तुलसी का पत्ता

तुलसी का पत्ता

तुलसी बेहद पवित्र मानी जाती है और सभी देव कार्यों में शुद्धता के लिए तुलसी का प्रयोग किया जाता है लेकिन भगवान शिव की पूजा में तुलसी का प्रयोग नहीं किया जाता। दरअसल इसके पीछे एक पौराणिक कथा मिलती है। कथा के अनुसार, भगवान शिव ने तुलसी के पति असुर जालंधर का वध कर दिया था, जिससे क्रोधित होकर तुलसी ने खुद ही भगवान शिव की पूजा से वंचित कर दिया।

शंख या शंख से जलाभिषेक

शंख या शंख से जलाभिषेक

भगवान शिव की पूजा अर्चना में शंख का प्रयोग नहीं किया जाता। इसके पीछे एक पौराणिक कथा मिलती है। कथा के अनुसार, दैत्य शंखचूड सभी देवी देवता परेशान थे। तब भगवान शिव ने त्रिशूल से वध कर दिया, जिससे उसका शरीर भस्म हो गया और उसी भस्म से शंख की उत्पत्ति हुई। चूंकि भगवान शिव ने दैत्य शंखचूड का वध किया था इसलिए उनकी पूजा में शंख का प्रयोग नहीं किया जाता।

नारियल या नारियल का पानी

नारियल या नारियल का पानी

भगवान शिव की पूजा में गन्ने का रस, दूध, शहद, दही आदि चीजें अर्पित की जाती हैं लेकिन नारियल या नारियल का पानी अर्पित नहीं किया जाता। देवताओं पर चढ़ाई जाने वाली चीजों का स्वयं ग्रहण करना आवश्यक होता है लेकिन शिवलिंग पर चढ़ाई गईं चीजों का ग्रहण करना वर्जित है इसलिए शिवलिंग का नारियल के पानी से अभिषेक नहीं किया जाता।

केतकी, केवड़े और लाल रंग के फूल

केतकी, केवड़े और लाल रंग के फूल

शास्त्रों में बताया गया है कि शिवलिंग पर केतकी, कनेर या लाल रंग के फूल जैसे कमल आदि अर्पित नहीं किए जाते। शिवलिंग पर इन फूलों के अलावा अन्य फूल अर्पित कर सकते हैं। महादेव बेलपत्र, भांग, धतूरा, जलाभिषेक आदि चीजें से ही प्रसन्न हो जाते हैं इसलिए शिवलिंग के पूजन में इन तरह के फूलों का प्रयोग करना वर्जित बताया गया है।

कुमकुम, सिंदूर व रोली

कुमकुम, सिंदूर व रोली

कुमकुम, सिंदूर व रोली से अन्य देवी देवताओं की पूजा कर सकते हैं लेकिन महादेव की पूजा में इनका प्रयोग वर्जित बताया गया है। हल्दी की तरह इनमें भी स्त्री तत्व होता है, जिसकी वजह से महिलाएं पति की लंबी आयु और स्वस्थ जीवन के लिए मांग में लगाती हैं लेकिन शिवलिंग की इन चीजों से पूजा अर्चना नहीं करना चाहिए। आप शिवलिंग की पूजा में चंदन या भस्म का प्रयोग कर सकते हैं। वहीं ध्यान रखना चाहिए कि शिवलिंग पर हमेशा कांसे, अष्टधातु या पीतल के बर्तन या लोटे से ही जल चढ़ाएं, लोहे या स्टील के बर्तन से नहीं।

नोट : यह तमाम जानकारी जनरुचि को ध्यान में रखकर दी जा रही है, ज्योतिष और धर्म के उपाय और सलाहों को अपनी आस्था और विश्वास पर आजमाएं। कंटेंट का उद्देश्य मात्र आपको बेहतर सलाह देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।