प्रदेश में बीते कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश के चलते राजधानी शिमला में जल संकट मंडरा रहा है। शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड के अधिकारियों के मुताबिक, शहर में मंगलवार को औसत 42-45 एमएलडी (MLD)(मिलियन लीटर प्रतिदिन) के मुकाबले 11.03 एमएलडी पानी जमा हुआ।
उन्होंने कहा कि पानी की आपूर्ति सामान्य होने में तीन से चार दिन लगेंगे, क्योंकि बाढ़ के कारण आपूर्ति संचालन बाधित हो गया है। इसके साथ ही शहर की मुख्य परियोजनाओं में भी गाद की समस्या बढ़ गई है। हालांकि सुबह से ही मशीनरी और पंपिंग में गाद को साफ करने के लिए कर्मचारियों को लगाया गया है।
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ऐसे में अधिकारियों ने शहर वासियों से अपील की है कि पानी जरूरत के अनुसार ही खर्च करें। शिमला शहर की बात की जाए तो तीन से चार दिन बाद पानी की सप्लाई लोगों के घर तक नहीं पहुंची है। अब हालत यह है कि पार्षद अपने-अपने वार्ड में टैंकर के जरिए लोगों को पाने की सप्लाई दे रहे हैं।
शिमला में पानी का संकट
बता दें कि, शिमला को गुम्मा, गिरी, चुरोट, सेओग, और कोटि ब्रांडी से पानी की आपूर्ति की जाती है। गुम्मा और पांच अन्य स्रोतों से आपूर्ति क्रमशः 7.82 एमएलडी और 3.21 एमएलडी थी। हिमाचल प्रदेश में एक जुलाई से नौ जुलाई तक मानसून सीजन के दौरान सामान्य से 69 प्रतिशत अधिक 271.5 मिमी बारिश हुई। इस अवधि के दौरान प्रदेश में सामान्य तौर पर 160.6 मिमी बारिश होती है। यही कारण है कि शिमला शहर में गाद समस्या पेयजल परियोजनाओं में हो गई है।