हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के डीजीपी संजय कुंडू (DGP Sanjay Kundu) की मुश्किलें बढ़ गई हैं। पालमपुर से सम्बंध रखने वाले व्यवसायी निशांत शर्मा के साथ विवाद मामले में डीजीपी संजय कुंडू के खिलाफ पुलिस एफआईआर दर्ज करेगी।
व्यवसायी निशांत शर्मा और डीजीपी के बीच इस मामले की गुरुवार को प्रदेश हाईकोर्ट (High Court) में मुख्य न्यायाधीश एमएस रामाचंद्र राव और जस्टिस ज्योतसना रिवाल दुआ की बैंच में सुनवाई हुई। इस दौरान शिमला और कांगड़ा के पुलिस अधीक्षकों ने मामले पर स्टेट्स रिपोर्ट दायर की।
हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की तरफ से बताया गया कि डीजीपी के खिलाफ कांगड़ा (Kangra) में एफआईआर दर्ज की जाएगी। हाईकोर्ट ने शिकायतकर्ता कारोबारी निशांत शर्मा की पैरवी के लिए सीनियर एडवोकेट नीरज गुप्ता को नियुक्त किया है। राज्य के महाधिवक्ता अनूप रत्न ने बताया कि हाईकोर्ट के समक्ष मामले से जुड़ी स्टेटस रिपार्ट आज दायर हुई है। इस दौरान आर्गुमेंटस के बाद सरकार की ओर से हाईकोर्ट को आश्वत किया गया कि डीजीपी के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा।
अनूप रतन के मुताबिक हाईकोर्ट ने कहा कि जब कोई व्यक्ति शिकायत करता है तो एफआईआर करना जरूरी होता है। व्यवसायी की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की जायेगी। साथ ही हाईकोर्ट ने व्यवसायी को सुरक्षा मुहैया करवाने के भी आदेश दिए हैं। उन्होंने बताया कि अब 22 नवंबर को मामले की अगली सुनवाई होगी। बता दें कि इस मामले में हाईकोर्ट ने बीते 10 नवम्बर को स्वतः संज्ञान लेते हुए कांगड़ा और शिमला पुलिस को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए थे।
इससे पहले, व्यवसायी निशांत शर्मा के खिलाफ डीजीपी ने 4 नवंबर को छोटा शिमला थाने में एफआईआर दर्ज करवाई थी। निशांत शर्मा के खिलाफ आईपीसी की धारा 211, 469, 499, 500 और 505 के तहत मामला दर्ज है।
उल्लेखनीय है कि पालमपुर से संबंध रखने वाले एक कारोबारी निशांत शर्मा ने आरोप लगाया है कि डीजीपी से उसे जान का खतरा है। निशांत शर्मा ने आरोप लगाया है कि उसे पुलिस मुख्यालय से बार-बार फोन किया जा रहा था। साथ ही डीजीपी उसे शिमला मिलने के लिए बुला रहे थे। निशांत शर्मा के अनुसार उसने मेल के माध्यम से डीजीपी से जानना चाहा कि उसे शिमला क्यों बुलाया जा रहा है। इस मेल के बाद डीजीपी संजय कुंडू ने निशांत शर्मा पर छोटा शिमला थाने में एफआईआर दर्ज करवा दी। दूसरी ओर डीजीपी ने एफआईआर में कहा कि निशांत शर्मा ने उनकी छवि को खराब करने की नीयत से मनगढ़ंत आरोप लगाए हैं। उनकी छवि को बिगाड़ने का प्रयास किया है।
निशांत शर्मा ने मुख्यमंत्री सहित हिमाचल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को मेल लिखकर मामले में संज्ञान लेने का भी आग्रह किया था। वहीं हिमाचल सरकार के मुख्य सचिव ने भी इस मामले में जांच के आदेश दिए थे।
दरअसल निशांत शर्मा का आरोप है कि कांगड़ा के भागसूनाग में उस का रास्ता रोक कर कुछ लोगों ने धमकी दी थी। कांगड़ा पुलिस ने घटनास्थल का सीसीटीवी फुटेज रिकॉर्ड में लिया है। निशांत शर्मा के मुताबिक उस पर गुड़गांव में भी हमला हो चुका है। उस मामले की जांच हरियाणा पुलिस कर रही है।