मोहब्बत भी एक अजीब दास्तां है. रोग भी मोहब्बत है और इलाज भी मोहब्बत है. वैलेंटाइन वीक स्पेशल में आज मिलते हैं एक ऐसी शख्सियत से जो अपनी मोहब्बत को पाने के लिए कुछ ऐसा करने जा रहे हैं, जिसे अमूमन लोग सोच भी नहीं सकते. आपने सुना होगा कि प्यार का कोई धर्म और जाति नहीं होती, लेकिन आपको बता दें कि प्यार का कोई जेंडर भी नहीं होता.प्यार दो आत्माओं का मिलन होता है. तो आज आपको मिलवाते हैं स्वराज से जो फिलहाल श्वेता हैं.
लेकिन जल्द ही ये अपने प्यार को रिश्ते में बदलने के लिए अपना जेंडर बदलने को तैयार हैं. इन्होंने 6 साल तक दुनिया और परिवार से निरंतर लड़ाई के बाद यह जीत हासिल की है. श्वेता ने बताया कि वो बहुत खुश हैं कि उनके माता-पिता इस बात के लिए राजी हो गए. वो चाहती तो पेरेंट्स की अनुमति के बिना भी जेंडर बदल सकती थी. लेकिन ऐसा करना ठीक नहीं लगा.
अगले कुछ महीनों में वह अपनी प्रेमिका से विवाह भी कर लेंगी. उनको बेहद छोटी उम्र में इस बात का एहसास हो गया था कि उनकी आत्मा उनके शरीर से मेल नहीं खाती है. जब बचपन में मां उन्हें फ्रॉक पहनाती थीं, तो वह बार-बार इनकार करती थी. इसके बाद जब वह बड़ी हुईं तब माहवारी की शुरुआत ने उनको हिला कर रख दिया. फिर टीन ऐज में शारीरिक बदलाव ने उनको एक लड़की का रूप देना शुरू किया, जिसको वह स्वीकार नहीं कर पा रही थी.
श्वेता ने 2020 में अपना स्नातक किया. इसी दौरान उनकी मुलाकात भावना (बदला हुआ नाम) से हुई. प्यार इतना परवान चढ़ा कि फिर उन्होंने आज जेंडर बदलने की तैयारी कर ली. लेकिन यह सफर आसान नहीं रहा. जब इस बात की भनक उनके माता-पिता की हुई कि श्वेता एक लड़की को प्यार करती है, तो उनके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई. काफी वाद-विवाद के बाद एक समय ऐसा भी आया कि स्वेता डेढ़ वर्षों तक अपने परिवार से अलग रहीं. इस दौरान उन्होंने गुजर बसर के लिए कई तरह की नौकरियां भी की. लेकिन वहां भी उनको असफता ही हासिल हुई.
वह जिस भी संस्थान में वह इंटरव्यू देने जातीं उनको यह कह कर वापस भेज दिया जाता था कि या तो वह लड़कियों के रूप में आए या पूरी तरह से लड़के. इतना ही नहीं अगर किसी को इस बात की जानकारी हो जाती थी, वह एक लड़की को प्यार करती हैं तो भी उनको नौकरी से निकाल दिया जाता. इसके बाद श्वेता ने ठान लिया कि वह अब अपनी पहचान के साथ ही काम करना शुरू करेंगी.
श्वेता ने बताया कि इसके लिए उनको सबसे पहले अपने माता-पिता को राजी करना था, जो बेहद मुश्किल था. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. 6 वर्षों तक निरंतर उनको मनाने की कोशिश जारी रखी. आखिरकार महीनेभर पहले उनके पिता इस बात के लिए राजी हो गए. इसके बाद परिवार की ओर लड़की के विवाह करने की बात भी स्वीकार ली गई. मार्च 2024 में श्वेता अपनी पहली सर्जरी कराएंगी. इसके बाद वह शादी कर लेंगी. प्यार के मामले में अपनी भावनाओं को जाहिर करते हुए श्वेता ने कहा “प्यार का कोई धर्म, जाति, रंग और सबसे जरूरी जेंडर भी नहीं होता. यह कब किस से हो जाए पता नहीं चलता? ये ऐसा एहसास है, जो हर किसी को नहीं होता.