आज खाने में कुछ स्पेशल बनाने के बारे में सोच रहे हैं, जवाब हमने खोज लिया है. क्यों न आज खाने में गर्मा-गर्म बैट्री ट्राई किया जाए! मज़ाक नहीं कर रहे हैं, ये हकीकत है. वैज्ञानिकों ने एक ऐसी बैटरी बना ली है जिसे आप चार्ज भी कर सकते हैं और अच्छे से चबाकर, स्वाद लेकर खा भी सकते हैं (Scientists Develop Fully Rechargeable Edible Battery).
वैज्ञानिकों ने बनाई अनोखी बैटरी
साइंस ने इतनी उन्नती कर ली है कि अब साइंटिस्ट्स ने खाद्य पदार्थों से बैटरी बना दी है. ये ऐसी बैटरी है जिसका काम पूरा होने के बाद इसे खा सकते हैं और इंसानों के पेट में मौजूद एसिड इसे आसानी से पचा सकता है. Science Alert की रिपोर्ट के अनुसार, ये बैटरी 0.65 वोल्ट पर ऑपरेट करता है और 12 मिनट के लिए 48 माइक्रोएम्पीयर करेंट देता है. छोटे इलेक्ट्रॉनिक्स को इस बैटरी के ज़रिए पावर सप्लाई दी जा सकती है.
इटली के वैज्ञानिकों ने किया विकसित
Euro News की रिपोर्ट के अनुसार, इटैलियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (Italian Institute of Technology) के वैज्ञानिकों ने ये एडिबल बैटरी विकसित की है. इन्जेस्टिबल मेडिकल डिवाइसेज़ की दुनिया में क्रांति लाने की मंशा से ये बैटरी बनाई गई है.
प्रोजेक्ट कोर्डिनेटर Mario Caironi ने कहा, ‘डिवाइस के कोर में इलेक्ट्रोड्स लगे हैं. इसे चलाने के लिए हम दो मटैरियल्स, दो मॉलिक्युल्स का इस्तेमाल कर रहे हैं. Anode के लिए Riboflavin का इस्तेमाल किया गया है. ये विटामिन बादाम में पाया जाता है. Cathode के लिए हमने Quercetin का इस्तेमाल किया है. ये एक सॉलिड Food Supplement है और ये Capers में पाया जाता है.’
दूसरे Ingestible Devices से बेहतर
इस एडिबल बैटरी का इस्तेमाल कई डिवाइसेज़ में किया जा सकता है. बायोसन्सर्स, कैमराज़, ड्रग डिलीवरी सिस्टम्स जैसे इन्जेस्टिबल डिवाइस हैं लेकिन इन्हें इंसानों का शरीर हज़म नहीं कर सकता. डाएजेशन प्रोसेस में कई तरह की दिक्कतें आती हैं और बाद में डिवाइस को सर्जरी के ज़रिए निकालना पड़ता है.
गौरतलब है कि बादाम, Capers, Activated Charcoal, Seaweed, Gold leaf और Beeswax से बनी इस बैटरी को आसानी से हज़म किया जा सकता है. इस बैटरी का इस्तेमाल हेल्थ डिवाइस में किया जा सकता है. वैज्ञानिकों की टीम इसकी कैपासिटी बढ़ाने पर काम कर रही है. गोलमाल से पहले मुकेश तिवारी गंगाजल, अपहरण, ज़मीन जैसी सीरियस फ़िल्में ही करते आए थे. Telly Chakkar को दिए एक इंटरव्यू में तिवारी ने बताया कि जब रोहित शेट्टी ने ‘वसूली भाई’ का रोल दिया तब उन्हें यकिन नहीं आया. रोहित शेट्टी को ही मुकेश तिवारी पर पूरा भरोसा था. और इस तरह ‘वसूली भाई’ का आयकॉनिक किरदार बना.