नई दिल्ली में कांस्टीट्यूशन क्लब में दूसरे दिन भी जदयू की महत्वपूर्ण बैठक जारी है. दूसरे दिन राजीव रंजन ऊर्फ ललन सिंह ने जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में ललन सिंह ने खुद इस्तीफे की पेशकश की है. ललन सिंह के इस्तीफे के बाद सीएम नीतीश कुमार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल सकते हैं. नीतीश कुमार इस तरह मुख्यमंत्री का पद और अध्यक्ष पद दोनों का एक साथ निर्वहन कर सकते हैं.
ललन सिंह का इस्तीफा : ललन सिंह और नीतीश कुमार जब कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में हो रही बैठक की ओर बढ़ रहे थे तो उनके बॉडी लेंग्वेज से ही सब कुछ साफ हो गया था. बाकी बैठक शुरू होते ही ललन सिंह ने अपने इस्तीफे की पेशकश कर दी. इस तरह नीतीश कुमार के हाथ में अब जेडीयू की कमान चली गई है. लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार ही पार्टी को लीड करते दिख सकते हैं. बता दें कि पार्टी के कार्यकर्ता शुरू से ही नीतीश के फैसले के साथ रहने की बात करते रहे हैं.
सियासी गलियारे में इस्तीफे पर थी चर्चा : इससे पहले ललन सिंह को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे. पार्टी सूत्रों से भी जो खबरें उस वक्त मिल रहीं थी, उसमें ललन सिंह अपना इस्तीफा देने के बाद नीतीश कुमार को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने या फिर उन्हें नए राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनने के लिए अधिकृत करने की बात सामने आ रही थी. हालांकि हुआ भी कुछ ऐसा ही. लेकिन इसको लेकर पार्टी का कोई भी नेता कार्यकारिणी की बैठक से पहले कुछ भी बोलना नहीं चाह रहा था. बैठक शुरू होने से पहले किस नेता ने क्या कहा उनके बातचीत का अंश नीचे दिया जा रहा है.
”हम अभी इस पर कुछ नहीं कह सकते हैं. अभी हमारे (जनता दल यूनाइटेड) राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह हैं तो किसी और के अध्यक्ष बनने की बात नहीं है.”– विजय चौधरी, वित्त मंत्री, बिहार सरकार
”बैठक में सब कुछ तय होगा. बैठक शुरू होने दीजिए, एजेंडा पता चल जाएगा. आप लोग थोड़ा इंतजार कीजिए.” – श्रवण कुमार, मंत्री, बिहार सरकार
”जब भी कार्यकाल खत्म होता है तो स्वभाविक है कि लोग बदले जाते हैं. राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यकाल ढाई साल से अधिक हो चुका है.” – शैलेंद्र कुमार, दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष, जेडीयू
आज की बैठक में क्या होगा? : गौरतलब है कि पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आफाक खान की ओर से राष्ट्रीय पदाधिकारी की बैठक में जो एजेंडा तय हुआ है उसे राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में रखा जाएगा. एक-एक कर उस पर चर्चा होगी. राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद ब्रेक होगा और फिर ब्रेक के बाद राष्ट्रीय पदाधिकारी की बैठक शुरू होगी. राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय पदाधिकारी की बैठक के बाद पार्टी की तरफ से जो जानकारी दी गई है, 6:00 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी. जिसमें मीडिया को बैठक में लिए गए फैसले के बारे में जानकारी दी जाएगी.
ललन और नीतीश पर टिकीं निगाहें : लेकिन सबसे अधिक चर्चा ललन सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर ही हो रही है. ऐसे तो पार्टी नेताओं की तरफ से 28 दिसंबर को यह दिखाने की पूरी कोशिश की गई है कि यदि वह एकजुट हैं. जहां तक ललन सिंह की बात है, ललन सिंह 31 जुलाई, 2021 में पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पहली बार राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए थे. तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष आरपी सिंह को हटाकर उन्हें यह जिम्मेदारी दी गई थी. दूसरी बार चुनाव हुआ और 5 दिसंबर 2022 को दोबारा राष्ट्रीय अध्यक्ष बने.
रहेंगे ललन सिंह या होंगे आउट ? : बता दें कि एक बार चुनाव होने के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यकाल 3 साल के लिए होता है, ऐसे में ललन सिंह का कार्यकाल 2 साल बचा हुआ है. लेकिन 2024 लोकसभा चुनाव और आने वाले समय में गठबंधन को लेकर नीतीश कुमार बड़ा फैसला ले सकते हैं. इसलिए राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी अपने पास या फिर ऐसे नजदीकी को देना चाहते हैं जिनसे उन्हें कोई परेशानी ना हो. मौजूदा समय तक जेडीयू के नेता इन खबरों को अटकलबाजी बताकर उन्हें खारिज कर रहे हैं.
नीतीश कुमार के साथ खड़ी पार्टी : ललन सिंह को लेकर पिछले काफी समय से यह चर्चा रही है कि लालू प्रसाद यादव से उनकी नजदीकियां बढ़ीं हैं. उन पर जदयू को तोड़ने की कोशिश करने का आरोप भी लगता रहा है. हालांकि इन सब बातों से पार्टी के नेता और खुद ललन सिंह इनकार करते रहे हैं. पार्टी के एकजुट होने की बात कर रहे हैं. ऐसे में अब सबकी नजर राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक पर है. इसमें नीतीश कुमार क्या फैसला लेते हैं? क्योंकि, पार्टी के नेता नीतीश कुमार के साथ हैं और नीतीश कुमार जो भी फैसला लेंगे पूरी पार्टी उनके साथ जाएगी यह तय है.