राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए अब प्रदेश के शिक्षक 15 जुलाई तक ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। इस बार 5 वर्ष नहीं, बल्कि 6 वर्ष शिक्षण का अनुभव रखने वाले शिक्षकों को ही आवेदन के लिए पात्र बनाया गया है। कुछ शिक्षकों को दस साल सेवाकाल से पहले ही नेशनल अवॉर्ड मिलने के बाद शिक्षा मंत्रालय ने इसमें बदलाव किया है।
वर्ष 2010 से पहले राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए आवेदन करने के लिए 15 साल सेवाकाल होना अनिवार्य था, जिसे वर्ष 2016 से घटाकर 5 वर्ष कर दिया गया था। शिक्षा मंत्रालय ने गाइड लाइन में बदलाव किया है। अब राज्यों के शिक्षा बोर्डों से संबद्ध निजी स्कूलों के शिक्षक भी इसमें हिस्सा ले सकेंगे। पुरस्कारों की भी संख्या 47 से बढ़ाकर 50 की गई है। इनमें दो दिव्यांग शिक्षक भी शामिल होंगे। इसके तहत दस साल का अनुभव रखने वाले शिक्षक या प्रधानाध्यापक ही अब इसके लिए पात्र होंगे।
वहीं स्कूलों में अनुबंध पर पढ़ाने वाले शिक्षक या फिर शिक्षा मित्र इसमें शामिल नहीं हो सकेंगे। मंत्रालय के मुताबिक, इस बार के राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार को लेकर जो और भी बड़े बदलाव किए गए हैं, उनमें अब राज्यों से शिक्षा बोर्डों से संबंधित निजी स्कूलों के शिक्षक भी शामिल हो सकेंगे।
मूल्यांकन में भी बदलाव…
इस बार मूल्यांकन का मैट्रिक्स भी बदल दिया गया है। वस्तुनिष्ठ मानदंड के तहत शिक्षकों को प्रत्येक वस्तुनिष्ठ मानदंड को 100 में से 10 का महत्व दिया गया है। प्रदर्शन के आधार पर मानदंड के आधार पर अंक दिए जाएंगे, जैसे सीखने के परिणामों को बेहतर बनाने की पहल, किए गए नवीन प्रयोग, पाठ्येतर और सह-पाठयक्रम गतिविधियों का संगठन, शिक्षण अधिगम सामग्री का उपयोग, सामाजिक गतिशीलता, अनुभवात्मक शिक्षण सुनिश्चित करना, छात्रों को शारीरिक शिक्षा सुनिश्चित करने के अनोखे तरीके आदि मानदंडों को 100 में से 90 का महत्व दिया गया है।
शिक्षकों को करनी होगी कड़ी मेहनत
अब प्राईवेट स्कूल के शिक्षक भी राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार में सरकारी शिक्षकों से प्रतिस्पर्ध करेंगे। अब पढ़ने-पढ़ाने के काम के वीडियो सर्वाधिक चाहिए यानि जो भी बेहतर काम किया है, उसका सबूत वीडियो में भी दिखेगा। इस तरह के बदलाव से नेशनल अवार्ड के लिए अब शिक्षकों को कड़ी मेहनत करनी होगी।
राज्य स्तरीय शिक्षक अवार्ड के नियमों में भी हो सकता है बदलावराष्ट्रीय स्तर के शिक्षक अवार्ड का शेड्यूल जारी होने के बाद अब राज्य स्तर पर मिलने वाले शिक्षक अवार्ड के लिए भी तैयारियां शुरू हो गई हैं। हालांकि इसमें नियमों में अभी संशोधन होना है।
इसमें शिक्षकों द्वारा मांग की जा रही है कि राज्य स्तरीय शिक्षक अवार्ड के लिए जिन्हें यह अवार्ड मिल चुका है उन्हें एक साल का सेवा विस्तार दिया जाना चाहिए। लेकिन प्रदेश सरकार यह पहले ही कह चुकी है कि एक साल के सेवा विस्तार में सैलरी को फिक्स किया जाएगा ऐसे में कितना वेतन एक साल के दौरान शिक्षक को मिलेगा, यह अभी तय नहीं है। ऐसे में माना जा रहा है कि जल्द ही सरकार इसकी घोषणा कर सकती है। पिछले साल भी हिमाचल से 3 शिक्षकों को राष्ट्रीय स्तरीय शिक्षक अवार्ड मिला था।