ये 5 पेड़ करोड़ों फैक्ट्रियों से भी ज्यादा ऑक्सीजन पैदा करते हैं, अब भी इनके महत्व को समझ लीजिए

कोरोना वायरस का सेकेंड वेब चल रहा है. पूरे देश में हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर कमजोर पड़ गया है. चौकाने वाली बात है कि ऑक्सीजन की कमी से सैकड़ों जानें गई हैं. ऐसे में एक बार फिर इस महामारी से लड़ने की तैयारियों पर सवाल उठता है.

ऐसे में एक्सपर्ट्स का दावा है कि कुछ पेड़ भी हमें ज्यादा से ज्यादा ऑक्सीजन देते हैं. ये पेड़ न हों तो कितनी भी फैक्ट्री लगा ली जाए, ऑक्सीजन की कमी परमानेंट रहेगी. ऐसे में 6 तरह के पेड़ों की बात करते हैं, जो ज्यादा से ज्यादा ऑक्सीजन पैदा करते हैं.

treetree

बरगद का पेड़

बरगद का पेड़ काफी विशाल होता है. कहा जाता है कि पेड़ की छाया पर निर्भर करता है कि ये कितना ऑक्सीजन बनाएगा. ऐसे में कहा जाता है कि जितना बड़ा और घना बर्गद का पेड़ होगा, उतना ही ज्यादा ऑक्सीजन रिलीज करेगा.

अशोक का पेड़

अशोक का पेड़ भी पर्यावरण के लिए काफी फायदेमंद होता है. ये भारी मात्रा में ऑक्सीजन का निर्माण कर पर्यावरण में छोड़ता है. ये दूषित गैसों को भी शुद्ध करता है.

पीपल का पेड़

कहा जाता है कि ये किसी भी दूसरे पेड़ की तुलना में सबसे ज्यादा ऑक्सीजन का निर्माण करता है. ये 60 से 80 फीट तक लंबा हो सकता है. ये पेड़ अपनी पूरी जिंदगी में इतना ऑक्सीजन बना सकता है जितना कोई फैक्ट्री भी नहीं बना पाती.

peepal peepal

नीम का पेड़

नीम के पेड़ को औषधीय पेड़ के रूप में जाना जाता है. ये हमारे पर्यावरण को तो साफ रखता ही है, हमें भी कई तरह के रोगों से बचाता है. इसे एक प्राकृतिर एयर प्यूरीफायर के तौर पर भी जाना जाता है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये वातारण में मौजूद गंदगी को साफ कर हवा में ऑक्सीजन की मात्रा को बेहतर करता है. इसके साथ ही दावा किया जाता है कि इससे हवा में मौजूद बैक्टिरिया भी मर जाते हैं.

jamunjamun

जामुन का पेड़

जामुन जितना खाने में टेस्टी होता है उतना ही उसका पेड़ भी हमारे पर्यावरण के लिए लाभदायक होता है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक़, जामुन का पेड़ सल्फर और नाइट्रोजन जैसे गैस को शुद्ध करता है और ऑक्सीजन भी ज्यादा मात्रा में रिलीज करता है. ऐसे में जामुन को पर्यावरण के लिए फायदेमंद माना जाता है.