रिशतेदार हों, पड़ोस वाले हों या फिर शादी के लिए रिश्ते वाले… सबका एक ही सवाल होता है- कितना कमा लेते हो? यह सवाल बहुत से लोगों के लिए कष्ट दायक होता है। खासकर तब जब बंदा एमए-पीएचडी करने के बाद भी महीने के 30-40 हजार कमा रहा होता है। इसी से जुड़ा एक क्लिप वायरल हो रहा है, जिसे देख लोग बोल रहे है – इतना भी सच नहीं बोलना था अंकल।
इस क्लिप में सड़क किनारे डोसा बेचने वाला शख्स वीडियो बनाने वाले को अमूल बटर दिखाते हुए कहता है-
ये अमूल ही है ना सर, देखो… मैं तो पढ़ा लिखा कम हूं जभी ज्यादा कमा रहा हूं, नहीं तो मैं भी कोई 30-40 हजार का नौकरी करता। बस इसी प्वाइंट पर वीडियो खत्म हो जाता है। यही वजह है कि इस वीडियो ने कॉर्पोरेट जॉब करने वालों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। बहुत से लोग इस बंदे की बातों को दर्द भरी बता रहे हैं! वैसे इस मामले पर आपका क्या कहना है? कमेंट में बताइए।
यहां देखिए दुकानदार का वायरल वीडियो
‘इतना भी सच नहीं बोलना था अंकल…’
यह वीडियो माइक्रोब्लॉगिंग साइट X पर @ASHMANTWEET ने पोस्ट किया और लिखा – इतना भी सच नहीं बोलना था अंकल…। उनके पोस्ट को ढाई हजार से अधिक लाइक्स और 1 लाख 76 हजार व्यूज मिल चुके हैं। जबकि सैकड़ों लोग कमेंट कर रहे हैं। कुछ लोगों ने पढ़े-लिखे लोगों का हाल बता दिया, तो कुछ ने कहा कि इसकी बातों ने तो दिल को चीर दिया।
इसी तरह कुछ यूजर्स ने कहा कि लगता है बिजनेस ही करनवा पड़ेगा। जबकि अन्य मौज लेते हुए बोल रहे हैं जा रहा हूं मोमो की दुकान लगाने। कुल मिलाकर शख्स का वीडियो इंटरनेट पर आग की तरह वायरल हो गया है और लोगों को पर्सनली हिट कर रहा है।
यह गोलगप्पे वाले भैया याद है ना?
इस Reel में हम देख सकते हैं कि सड़क किनारे रेहड़ी पर गोलगप्पे बेचने वाले एक शख्स पूछता है- आपका हर दिन का प्रॉफिट कितना है? इस पर गोलगप्पे वाला बोलता है- 25। बंदे को लगता है 25 हजार? पर भैया जी क्लियर करते हैं कि हर दिन के 2500 रुपये कमाते हैं। फिर क्या… लोगों ने तीस दिन का हिसाब लगा लिया, जो 75 हजार बनता है।