महाराष्ट्र के सांगली के वीटा-खानापुर विधानसभा क्षेत्र से शिवसेना शिंदे गुट के विधायक अनिल बाबर का आकस्मिक निधन हो गया. उन्होंने 74 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली. उन्हें निमोनिया के कारण कल सांगली के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था और आज तड़के उनका निधन हो गया.
उनका राजनीतिक सफर कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और शिवसेना के साथ रहा. वह 3 बार जिला परिषद सदस्य और विधायक रहे. बाबर 1990 में पहली बार निर्दलीय चुने गए थे. 2014 में उन्होंने एनसीपी छोड़ दी और शिवसेना में शामिल हो गए और विधायक के रूप में जीत हासिल की. 2019 में भी वह शिवसेना के बैनर पर चुने गए थे. बाबर ने एकनाथ शिन्दे के विद्रोह का समर्थन किया. उन्हें मालूम था कि आगामी कैबिनेट विस्तार में उन्हें शामिल किया जाएगा इसका स्पष्ट संकेत हाल ही में शिंदे गुट ने उनके जन्मदिन के मौके पर दिया था. उन्हें तेम्भू योजना के नायक के रूप में जाना जाता था. उनकी सक्रियता के कारण ही तेम्भू योजना पूरी हुई.
अनिल बाबर का परिचय: अनिल बाबर का पूरा नाम अनिल कालजेराव बाबर (उम्र 72) है. उनका जन्म 7 जनवरी 1950 को हुआ था. उन्होंने बिना किसी राजनीतिक पृष्ठभूमि के सरपंच से विधायक तक का सफर तय किया. वह 1972 सांगली जिला परिषद सदस्य बने. 1981 निर्माण विभाग के अध्यक्ष रहे. 1990 में खानापुर पंचायत समिति अध्यक्ष बने. इसी साल निर्दलीय विधायक भी चुने गए.