महात्मा गांधी 76वीं डेथ एनिवर्सरी, हर किसी को जरूर देखनी चाहिए बापू पर बनी यें फिल्में

आज 30 जनवरी को राष्ट्रपिता और देश की आजादी के लिए मर-मिटे महात्मा गांधी की 76वीं पुण्यतिथिहै. 30 जनवरी को शहीद दिवस के रुप में मनाया जाता है. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को 30 जनवरी 1948 को नाथुराम गोडसे ने दिल्ली के बिडला हाउस में प्रार्थना सभा के लिए जाते वक्त बापू को गोली मार उनकी हत्या कर दी थी. गांधी जी ने अपनी आखिरी सांस से पहले ‘हे राम’ जपा था. देश के लिए जान गंवाने वाले महात्मा गांधी जी की पुण्यतिथि पर उन पर बनी फिल्मों पर चर्चा करेंगे, जो हर किसी को जरूर देखनी चाहिए.

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गांधी: यह सर रिचर्ड एटनबरो द्वारा निर्देशित फिल्म है और इसमें बेन किंग्सले ने महात्मा गांधी की भूमिका निभाई है. ‘गांधी’ (1982) उनकी अहिंसा और सविनय अवज्ञा की विचारधारा के माध्यम से ब्रिटिश अत्याचार से स्वतंत्रता पाने की लड़ाई को फिल्म में बखूबी से दिखाया गया है. फिल्म ने कई पुरस्कार जीते.

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गांधी माई फादर: फिल्म में एक पिता के रूप में महात्मा गांधी के जीवन पर प्रकाश डाला गया, जो राष्ट्रपिता के जीवन का एक हिस्सा है और जिसे आम तौर पर नजरअंदाज कर दिया जाता है. यह फिल्म गांधीजी के बेटे हरिलाल गांधी के बारे में चंदूलाल भगुभाई दलाल की ‘हरिलाल गांधी: ए लाइफ’ पर बेस्ड है. फिल्म में एक्टर अक्षय खन्ना ने मुख्य भूमिका निभाई है. फिरोज अब्बास खान ने फिल्म का निर्देशन किया और अनिल कपूर ने निर्मित किया.

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हे राम: यह फिल्म भारत के विभाजन और नाथूराम गोडसे द्वारा महात्मा गांधी की हत्या के बारे में है. फिल्म में वर्सेटाइल एक्टर नसीरुद्दीन शाह ने गांधी जी की भूमिका निभाई है और कमल हासन ने एक हिंदू कट्टरपंथी साकेत राम की भूमिका निभाई है. कमल हासन ने ऐतिहासिक ड्रामा फिल्म ‘हे राम’ का लेखन, निर्देशन और निर्माण किया है. फिल्म में शाहरुख खान और रानी मुखर्जी भी अहम रोल में हैं.

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मैंने गांधी को नहीं मारा: फिल्म की कहानी एक सेवानिवृत्त हिंदी प्रोफेसर उत्तम चौधरी, जिसकी भूमिका अनुपम खेर ने निभाई है पर केंद्रित है, जो मानता है कि उस पर गांधी की हत्या का आरोप है. उत्तम का मानना ​​है कि उसने गलती से खिलौना बंदूक, जिसमें असली गोलियां थीं से गोली मारकर गांधी की हत्या कर दी. फिल्म में उर्मिला मातोंडकर ने उनकी बेटी तृषा का किरदार निभाया. फिल्म का निर्देशन जाह्नु बरुआ ने और अनुपम खेर ने प्रोड्यूस किया है.

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लगे रहो मुन्ना भाई: गांधी फिल्मों और विचारधाराओं के बारे में बात करते समय हम संजय दत्त स्टारर फिल्म ‘लगे रहो मुन्ना भाई’ को कैसे भूल सकते हैं? राजकुमार हिरानी के निर्देशन में बनी ‘लगे रहो मुन्ना भाई’ में गांधी की दया, प्रेम और अहिंसा की शिक्षाओं को दिखाने की कोशिश की है.

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पार्टीशन 1947: यह फिल्म विभाजन के दौरान लोगों की पीड़ा के साथ-साथ हिंदू-मुस्लिम प्रेम और भाईचारे में विभाजन को दर्शाता है. फिल्म में ह्यू बोनेविले, गिलियन एंडरसन, मनीष दयाल, हुमा कुरैशी और ओम पुरी हैं. नीरज काबी ने फिल्म में महात्मा गांधी की भूमिका निभाई है. फिल्म का निर्देशन गुरिंदर चड्ढा ने किया है.

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गांधी गोडसे एक युद्ध: 1947-48 के आजादी के बाद के भारत की पृष्ठभूमि पर बनी यह फिल्म नाथूराम गोडसे और महात्मा गांधी के बीच विचारधाराओं के टकराव को उजागर करती है. राजकुमार संतोषी द्वारा निर्देशित इस फिल्म में महात्मा गांधी के रूप में दीपक अंतानी और नाथूराम गोडसे के रूप में अभिनेता चिन्मय मंडलेकर भी मुख्य भूमिका में हैं.