भारत सरकार ने प्रदूषण की रोकथाम के लिए पेट्रोल और डीजल के स्थान पर दूसरे विकल्पों को लोगों तक पहुंचाने की दिशा में कार्य करना शुरू कर दिया है। यही कारण है कि अब सीएनजी जैसे ईंधन को अधिक बढ़ावा दिया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश में सीएनजी की खपत न के बराबर है और इसका मुख्य कारण इसकी यहां पर कम उपलब्धता होना है। लेकिन सरकार ने अब इसकी उपलब्धता को बढ़ाना शुरू कर दिया है। गैसोनेट कंपनी को मंडी, कुल्लू, लाहौल-स्पिति और किन्नौर जिलों में सीएनजी के स्टेशन खोलने का जिम्मा सौंपा गया है।
कंपनी ने मनाली के साथ लगते रांगड़ी में पहला सीएनजी स्टेशन खोल दिया है जबकि मंडी जिला के टकोली में शेषनाग फिलिंग स्टेशन और झीड़ी में हरबंश लाल फिलिंग स्टेशन पर जनवरी महीने में दो नए स्टेशन शुरू करने जा रही है। इनका कार्य 80 प्रतिशत तक पूरा हो चुका है। गैसोनेट के प्रोजेक्ट लीड सहायक प्रबंधक अलख तिवारी ने बताया कि मनाली के रांगड़ी में आईओसीएल के साथ यह स्टेशन खोला गया है। यहां पर पूरी तरह से लोगों को सीएनजी की सुविधा मिल रही है जबकि जनवरी महीने में मंडी जिला में दो और सीएनजी स्टेशन शुरू होने जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि मंडी, कुल्लू, लाहौल-स्पिति और किन्नौर में बड़ी संख्या में सीएनजी स्टेशन खोलने की योजना है जिसपर काम शुरू कर दिया गया है। यह प्रदूषण रहित ईंधन होता है जोकि अन्य ईंधनों के मुकाबले सस्ता पड़ता है और लोग आसानी से इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। अधिक से अधिक लोग इस ईंधन के इस्तेमाल की तरफ आगे बढ़ें, इसी दिशा में भारत सरकार के निर्देशों पर सीएनजी स्टेशन खोले जा रहे हैं।