पंडोह के पुल को टूटे हुए चार महीने बीत गए हैं लेकिन अभी तक पुल निर्माण का कोई अता-पता नहीं है। अगस्त महीने में भारी बाढ़ के कारण पंडोह का 100 साल पुराना पुल टूट गया था। यह पुल द्रंग विधानसभा क्षेत्र के इलाका बदार की एक दर्जन पंचायतों को नेशनल हाईवे के साथ जोड़ता था। अब पुल बनेगा भी या नहीं, इस बात को लेकर पंडोह बाजार और इलाका बदार के लोगों में संशय लगातार बना हुआ है। पुल के टूटने के बाद पंडोह बाजार का आलम यह है कि यहां स्थानीय दुकानदारों का कारोबार चौपट होता जा रहा है।
इलाका बदार की एक दर्जन पंचायतों के लोग पुल से होकर ही पंडोह बाजार पहुंचते थे लेकिन अब इसके टूट जाने के बाद इन्हें पांच किलोमीटर का अतिरिक्त सफर तय करके पंडोह बाजार पहुंचना पड़ रहा है। ऐसे में लोगों के धन और समय दोनों की बर्बादी हो रही है। वहीं, दूसरी तरफ पंडोह बाजार की रौनक भी गायब होने लग गई है। स्थानीय दुकानदार तरूण धवन, राजकुमार और प्रकाश शर्मा ने बताया कि पुल के टूटने के बाद से उनके कारोबार पर विपरित प्रभाव पड़ा है। लोग बड़ी कम संख्या में बाजार पहुंच पा रहे हैं। इन्होंने सरकार से पुल के निर्माण कार्य को जल्द से जल्द शुरू करने की गुहार लगाई है।
पुल के स्थान पर एक अस्थायी झूला पुल लगाया गया है ताकि सामान को लाया और ले जाया जा सके। लेकिन यह झूला पुल भी सही ढंग से नहीं चल पा रहा है। स्थानीय निवासी मनी राम और देवरी पंचायत के पूर्व प्रधान देवेंद्र कुमार ने बताया कि आपदा के बाद लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह मौके पर आए थे और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी सेतु योजना के तहत पुल बनाने का भरोसा दिलाया था। लेकिन आज दिन तक पुल के निर्माण की कहीं कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है।
वहीं, जब इस बारे में लोक निर्माण विभाग थलौट मंडल के अधिशाषी अभियंता विनोद शर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि पुल की डीपीआर बनाकर भेज दी गई है। जैसे ही पैसों की स्वीकृति होगी तो टेंडर जारी करके पुल का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।