मंडी जनपद के औट में लारजी डैम की रेज़रवॉयर पर ब्यास नदी पर बना लोहे का पुल बीती 9 जुलाई को बाढ़ की में भेंट चढ़ गया था। यह पुल मंडी और कुल्लू जिलों को आपस में जोड़ने का काम करता था। बंजार, सैंज और बालीचौकी तहसील की जनता इस पुल के माध्यम से औट बाजार आती थी। लेकिन अब इस पुल के टूट जाने से लोगों को 6 किलोमीटर का अतिरिक्त सफर तय करके औट आना पड़ रहा है।
आपदा के 100 दिन बीत जाने के बाद इस पुल के पुर्ननिर्माण की तरफ कोई कदम न उठाए जाने से औट बाजार के लोग खासे खफा हैं। स्थानीय निवासी रविंद्र सिंह और नरेंद्र कुमार ने बताया कि पुल के टूट जाने से बाजार की रौनक कम हो गई है और कारोबार पर भी विपरित प्रभाव पड़ रहा है। इन्होंने सरकार से पुल को जल्द से जल्द बनाने की मांग उठाई है।
औट पंचायत के प्रधान भूषण वर्मा ने बताया कि पुल टूटने के साथ ही लारजी डैम के रेज़रवॉयर के साथ लगाई गई सुरक्षा दीवार भी ढह गई है। इस दीवार के ढहने से औट बाजार के अधिकतर हिस्से पर संकट मंडरा गया है। उन्होंने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि कई नेता और अधिकारी यहां आकर मौका करके जा रहे हैं, लेकिन समाधान कोई नहीं निकाल रहा है। लारजी प्रोजेक्ट से करोड़ों की आमदनी होने के बाद भी सुरक्षा की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इन्होंने सरकार से लोगों की इस मांग की तरफ ध्यान देने की गुहार लगाई है।
वहीं, जब इस बारे में लोक निर्माण विभाग के बंजार स्थित अधिशाषी अभियंता ई. विनय हाजरी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि पुल के पुनर्निर्माण की डीपीआर बनाई जा रही है। यह पुल भारत सरकार की सेतु योजना के तहत बनेगा। जैसे ही डीपीआर बनकर तैयार हो जाएगी तो इसे स्वीकृति के लिए केंद्र सरकार को भेज दिया जाएगा और पैसा मिलते ही कार्य शुरू कर दिया जाएगा।