मंडी : कॉस्ट डेटा की दरों को रिवाइज करें बिजली बोर्ड प्रबंधन, ठेकेदारों ने उठाई मांग

विद्युत विभाग के ठेकेदारों ने राज्य सरकार से कॉस्ट डेटा की दरों को रिवाइज करने की मांग उठाई है। शुक्रवार को आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए हिमाचल प्रदेश पॉवर कांट्रेक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष अरूण ठाकुर ने कहा कि बिजली बोर्ड प्रबंधन ने कॉस्ट डेटा की दरों में 40 से 45 फीसदी की कटौती कर दी है, जबकि महंगाई को ध्यान में रखते हुए इसमें हर वर्ष 10 से 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जाती थी। लेकिन बोर्ड प्रबंधन बढ़ोतरी के बजाय कटौती कर रहा है। इसके साथ ही इन्होंने बिल देने पर जीएसटी की पेमेंट का तुरंत भुगतान करने की मांग भी रखी है।

पत्रकार वार्ता को संबोधित करते अध्यक्ष अरूण ठाकुर

इनका कहना है कि बिल कटते ही जीएसटी का भुगतान करना पड़ता है, जबकि प्रबंधन की तरफ से 5-6 महीने बाद भुगतान किया जाता है। बहुत से ठेकेदारों को बकाया पेमेंट लेने को हो गई है। लंबे समय से इसका भुगतान भी नहीं किया जा रहा है। इसलिए लंबित पेमेंट का भी जल्द भुगतान किया जाए। पीडब्ल्यूडी और जल शक्ति विभागों में पांच तक के टेंडर ऑफलाइन प्रक्रिया के माध्यम से किए जाते हैं, जबकि बिजली बोर्ड में ऐसा नहीं है। इसलिए इन विभागों की तर्ज पर बिजली बोर्ड में भी पांच लाख तक के टेंडर की प्रक्रिया को ऑफलाइन किया जाए।

अरुण ठाकुर ने बताया कि जल्द ही हिमाचल प्रदेश पावर कांट्रेक्टर एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से मिलेगा। अपनी इन मांगों को लिखित में उन्हें सौंपकर समाधान की गुहार लगाएगा। सीएम सुक्खू हर वर्ग की तरफ ध्यान दे रहे हैं, जबकि बिजली बोर्ड के ठेकेदार भी सरकार के कार्यों को ही करने में लगे हुए हैं।