मंडी की नदियों-झीलों में प्रवास परिंदों का डेरा, इस बार कम संख्या में पहुंचे विदेशी मेहमान

हर साल सर्दियों के मौसम में हिमाचल प्रदेश सहित मंडी जिला की नदियों और झीलों में प्रवासी पक्षियों का जमावड़ा देखने को मिलता है। लेकिन गत वर्षों के मुकाबले इस वर्ष इन प्रवासी पक्षियों की संख्या में थोड़ी कमी देखने को मिल रही है। इसका कारण माना जा रहा है मौसम में हो रहा बदलाव। सितंबर महीने के बाद प्रदेश में अब जाकर बारिश और बर्फबारी हुई है। अब तक प्रदेश में मौसम शुष्क ही बना हुआ था और घने कोहरे के साथ कड़ाके की सर्दी पड़ रही थी।

यह प्रवासी पक्षी अपने देशों में पारा माइनस में चले जाने के चलते बड़ी संख्या में तीन से चार महीनों के लिए प्रवास पर यहां आते हैं। लेकिन इस बार इनकी संख्या में कमी देखी जा रही है। हालांकि वन विभाग इनकी कोई गणना तो नहीं करता, लेकिन अनुमान के आधार पर ही इनकी संख्या तय की जाती है।

हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी जिला की ब्यास नदी, पंडोह डैम, लारजी डैम, रिवालसर और सुंदरनगर झील में इन पक्षियों ने अपना डेरा जमाया हुआ हैं। आए हुए प्रवासी पक्षियों में कॉमन कूट, टफ्ड डक, मल्लार्ड, कॉमन पोचार्ड, रेड क्रेस्टेड पोचार्ड, लिटिल ग्रैब, कार्मोरेंट आदि प्रजातियों के पक्षी शामिल हैं।

मुख्य अरण्यपाल वन वृत मंडी अजीत ठाकुर ने बताया कि हर वर्ष यह प्रवासी पक्षी दिसंबर के महीने में आते हैं और फरवरी महीने के अंत तक वापिस चले जाते हैं। इस दौरान फिल्ड स्टाफ को इन पक्षियों पर निगरानी रखने के निर्देश दे दिए गए हैं, ताकि इनके साथ किसी भी प्रकार की कोई छेड़छाड़ न हो सके।