Cyclone Biparjoy Update: चक्रवात बिपरजॉय से गुजरात में मची तबाही में किसी की मृत्यु नहीं हुई, गनीमत है। तूफान के चलते इंडस्ट्री और इन्फ्रास्ट्रक्चर को खासा डैमेज हुआ है।
भयावक मंजर देखने वालों ने सुनाई आपबीती
‘मुझे ऐसा लगा कि मेरी छत पर हेलिकॉप्टर लैंड किया है। पूरे घर में सबकुछ हिल रहा था और हवा की रफ्तार इतनी तेज कि कुछ सुनाई नहीं दे रहा था। मुझे तो डर था कि कहीं मेरा घर न उड़ जाए!’
तूफान के बारे में जखौ पोर्ट से लगे गांव में रहने वाले हारुन इस्माइलकर ने हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया से कुछ यही कहा। TOI टीम ने शुक्रवार को गांव का दौरा किया। एक गांववाले ने बताया कि यहां 522 बोट्स थीं जिनमें से 452 डैमेज हो गई हैं।
चक्रवात बिपरजॉय: पानी में डूबा है कच्छ और सौराष्ट्र
एक तरफ गुजरात में चक्रवात कहर बरपा रहा था, शेल्टर होम्स में शरण लिए लोग बस दुआ कर रहे थे। जब तूफान गुजर गया तो बस यही गनीमत रही कि वे जिंदा बच गए। अपनी जिंदगी फिर से शुरू कर सकते हैं।
कच्छ और सौराष्ट्र के जमीनी इलाके जलमग्न हैं। घरों में बिजली नहीं है। उनमें बारिश का पानी घुस गया है, भीतर रखा सामान बच जाएगा, इसकी उम्मीद बेहद कम है। सड़कें क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं।
कई गांवों तक तो कीचड़ के लिए चलते पहुंच पाना मुश्किल है। कुछ दिन बाद जब पानी घटेगा, जब नुकसान का असल अंदाजा लगेगा। अकेले कच्छ में ही 33,000 हेक्टेयर कृषि भूमि प्रभावित हुहई है।
जरा देखिए तो गुजरात कैसे पानी में डूबा है
चक्रवात बिपारजॉय: बिजली सेवा बहाल करने की चुनौती
चक्रवाती तूफान ने मचाई है खूब तबाही
5 हजार करोड़ से ज्यादा का आर्थिक नुकसान
गुजरात में चक्रवात के चलते बंदरगाह बंद हैं। सात जिलों में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। व्यापार बुरी तरह प्रभावित हुआ है। गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अनुसार, 5000 करोड़ रुपये का कारोबार थम गया है।
कच्छ में 5 लाख टन नमक तूफान के साथ आई बारिश में बह गया। मोरबी में एशिया का सबसे बड़ा सिरेमिक क्लस्टर बंद हो गया है। कांडला और मुंद्रा पोर्ट जाने के लिए करीब 10,000 ट्रक रास्ते में जहां-तहां खड़े हैं।
तूफानी मौसम में सी-सेक्शन डिलिवरी
बिजली गुल होने से अस्पतालों में भी परेशानी रही। तकनीकी दिक्कतों के बावजूद हेल्थ वर्कर्स ने गजब जज्बा दिखाया। बहुत सारी गर्भवती महिलाएं तो तूफान में अस्पताल नहीं आ सकती थीं। कुछ के लिए 108 एम्बुलेंस को ही मेकशिफ्ट मैटर्निटी होम बना दिया गया। राज्य भर में 1,152 से ज्यादा गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित जगहों पर ले जाया गया था। 707 महिलाओं ने अस्पतालों में बच्चे को जन्म दिया।
450 पक्षी मारे गए लेकिन शेर सुरक्षित
द्वारका, जामनगर और कच्छ पर चक्रवात बिपरजॉय ने सबसे ज्यादा असर डाला। यहां 450 से ज्यादा पक्षी तूफान में मारे गए हैं। सड़कों पर कुछ पक्षी मृत मिले। गनीमत रही कि गिर के जंगलों में किसी शेर को नुकसान नहीं पहुंचा। गुजरात सरकार ने गिर वन और कच्छ जिले में 200 से अधिक टीमों को तैनात किया था। गुरुवार शाम गिर पूर्वी संभाग के जसाधर रेंज में एक कुएं में गिरे शेर के दो शावकों को बचाया।