हिमाचल के पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कौल सिंह ठाकुर ने थुनाग में बाढ़ के साथ बहकर आई लकड़ियों की सीबीआई जांच करवाने की मांग की है।
मंडी में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान कौल सिंह ठाकुर ने कहा कि सराज विधानसभा क्षेत्र में पूर्व सरकार के समय में अनियमितताएं बरतकर बगैर वन विभाग की अनुमति के कई सड़कों का निर्माण हुआ है और उसमें हजारों पेड़ काटे गए हैं। जो लकड़ी बाढ़ में बहकर आई वो भी उसी का ही नतीजा है। इसी कारण लोगों का भारी नुकसान हुआ। सरकार को चाहिए कि सही अधिकारी तैनात करके इसकी उच्च स्तरीय जांच की जाए।
कौल सिंह ठाकुर ने कहा कि जयराम ठाकुर यह कह रहे हैं कि प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी सरकार से दुखी है और केंद्र में जाना चाहती है। जयराम ठाकुर ऐसे अधिकारियों के नाम बताएं जो केंद्र में जाना चाहते हों। प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी पूरी ईमानदारी के साथ काम कर रही है और कहीं जाने की इच्छुक नहीं है। नियमों के तहत यदि कोई अधिकारी केंद्र में जाना चाहे तो उसे सरकार के पास आवेदन करना पड़ता है। जबकि अभी तक कोई आवेदन नहीं आया है। जयराम बताएं कि क्या उनके पास किसी ने आवेदन किया है। उन्होंने जयराम ठाकुर को नसीहत दी कि वे आपदा की स्थिति में राजनीति न करे और केंद्र से राहत पैकेज लेकर आएं और उसका श्रेय लें, हम भी इसके लिए केंद्र का आभार जताएंगे।
कौल सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस के पूर्व विधायकों ने अपनी एक महीने की पेंशन सीएम राहत कोष में देने का निर्णय लिया है। उन्होंने लोगों से भी अधिक से अधिक संख्या में राहत कोष में दान करने की अपील की ताकि अधिक से अधिक आपदा प्रभावितों की मदद की जा सके।
इस मौके पर उनके साथ पूर्व मंत्री एवं मंडी जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष प्रकाश चौधरी, पूर्व सीपीएस सोहन लाल ठाकुर, प्रदेश महासचिव चेत राम ठाकुर और जिला परिषद सदस्य चंपा ठाकुर भी मौजूद रही।