हिमाचल प्रदेश में नशे के बढ़ते खतरे को देखते हुए प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन ने संवेदनशील क्षेत्रों पर विशेष फोकस करना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में सोलन जिला की बसाल पंचायत को रेड जोन की श्रेणी से बाहर निकालने के लिए प्रशासन द्वारा ठोस और सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। सरकार के एंटी चिट्टा कैंपेन के तहत बसाल पंचायत को प्राथमिकता सूची में शामिल किया गया है, जहां नशे की रोकथाम के लिए बहुस्तरीय रणनीति अपनाई जा रही है।बसाल पंचायत में आयोजित बैठक के दौरान एडीसी राहुल जैन ने स्पष्ट किया कि पंचायत में नशे से जुड़े मामलों को गंभीरता से लेते हुए यहां नशा निवारण कमेटी का गठन किया गया है। इस कमेटी में पंचायत प्रधान, पूर्व प्रधान, वार्ड सदस्य और स्थानीय प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है, ताकि जमीनी स्तर पर प्रभावी निगरानी सुनिश्चित की जा सके। पंचायत के संवेदनशील और वल्नरेबल पॉइंट्स की पहचान कर वहां पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ाई जा रही है।एडीसी ने बताया कि प्रशासन का मुख्य उद्देश्य बसाल पंचायत को मौजूदा रेड जोन की स्थिति से बाहर निकालना है। इसके लिए नशे के कारोबार से जुड़े तत्वों पर कड़ी कार्रवाई के साथ-साथ युवाओं को जागरूक करने पर भी विशेष जोर दिया जा रहा है। पंचायत स्तर पर नियमित रूप से जागरूकता शिविर, संवाद कार्यक्रम और सामूहिक अभियान चलाए जाएंगे, ताकि युवा वर्ग नशे से दूर रहे। उन्होंने कहा कि केवल कार्रवाई नहीं, बल्कि समाज की भागीदारी से ही इस समस्या का स्थायी समाधान संभव है। लगातार निगरानी, जनसहयोग और जागरूकता के माध्यम से बसाल पंचायत को नशा मुक्त बनाकर रेड जोन से बाहर लाने का यह अभियान आने वाले समय में एक मिसाल बनेगा