विकास गुटगुटिया ने मात्र 5000 रुपये में फूलों का बिजनेस शुरू किया था. उनकी मेहनत और जुनून ने इस छोटे से कारोबार को आज सैकड़ों करोड़ के कारोबार में बदल दिया है. फर्न्स एन पेटल्स के संस्थापक और प्रबंध निदेशक विकास गुटगुटिया फूलों और फूलों के गुलदस्ते का बिजनेस करते हैं. उनका लक्ष्य है कि उनकी कंपनी अब 500 करोड़ तक पहुंच जाए.
प्रेमिका के लिए नहीं मिले फूल
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार विकास गुटगुटिया ने अपने इस फूलों के बिजनेस की शुरुआत को लेकर जो कहानी सुनाई है वो बेहद अनोखी है. उन्होंने इस बारे में बताया है कि ये कहानी 1994 से पहले की है. वह अपनी प्रेमिका को फूल देना चाहते थे लेकिन दिल्ली के फुटपाथ पर उन्हें कोई ऐसा फूल या गुलदस्ता नहीं मिला जो उनके मन को भा सके. ऐसा इसलिए भी था क्योंकि फुटपाथ पर बिकने वाले फूल आमतौर पर मुर्झाये थे. यहीं से उनके दिमाग में फूलों की दुकान खोलने का आइडिया आया.
खुद ही खोल दी फूलों की दुकान
रिपोर्ट्स के अनुसार विकास गुटगुटिया ने साल 1994 में फूल व गिफ्ट सेंटर की शुरुआत की. इसके लिए उन्होंने मात्र 5000 रुपये का निवेश किया. समय के साथ उन्हें एक पार्टनर ने 2.5 लाख का निवेश दिया. यही निवेश उनकी लाइफ के लिए टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ. उन्होंने दिल्ली में साउथ एक्सटेंशन में महज 200 वर्ग फुट जगह में चार लोगों के साथ पहला फर्न्स एन पेटल्स स्टोर खोला था.
विकास गुटगुटिया का कहना है कि, शुरू से ही उन्हें कुछ अलग किस्म का काम करने की इच्छा थी. उन्होंने दिल्ली ही नहीं देश भर में ये देखा था कि ज्यादातर फूल और गुलदस्ते फुटपाथ पर ही बेचे जा रहे हैं. इसे देखकर उन्हें लगा इस बाजार पर फुटपाथ बिक्रेता का ही दबदबा है. उन्होंने इस बिजनेस में हाथ आजमाने की सोची. हालांकि फुटपाथ पर बिकने वाले फूलों की कम कीमत से लेकर उनकी संख्या तक का मुकाबला करना और उनके दबदबे को तोड़ना आसान नहीं था.
इस तरह आगे बढ़ा बिजनेस
विकास ने सन् 1994 में अपना फूलों का काम शुरू कर दिया लेकिन इसे स्टैबलिश करना और आगे बढ़ाना आसान नहीं था. उन्होंने बड़ी ही मेहनत से ग्राहक बनाए. उन्होंने फुटपाथ वाले फूलों के बिक्रेताओं से अलग तरीका अपनाया. विकास ने फुटपाथ की बजाय एयरकंडीशंड दुकान खोली. नतीजा ये हुआ कि य़हां फूल एकदम ताजा रहते थे.
इसके अलावा उन्होंने सामान्य फूल नहीं बल्कि गुच्छों और पुष्पहारों को भी डिजाइनर लुक दिये, इससे उन्हें कॉरपोरेट सेक्टर में जाने का मौका मिला. साल 2002 में विकास ने अपनी एक वेबसाइट शुरू की. इस साइट के जरिए उन्हें फूलों, फूलों के गुलदस्तों और डिजाइनर पुष्पहारों के अच्छे खासे ऑर्डर आने लगे. यहीं से उनके बिजनेस ने तेजी पकड़ी.
नुकसान से सीखे सबक
ऐसा नहीं कि उनके इस स्टार्टअप ने हमेशा उन्हें फायदा पहुंचाया हो. एक समय ऐसा भी आया जब उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ा. साल 2009 में उन्हें करीब 25 करोड़ का नुकसान हुआ. हालांकि नुकसान से निराश होने की बजाए विकास ने इससे बहुत से सबक लिये. यही वजह थी कि 25 करोड़ के नुकसान के बदले आने वाले समय में उनका कारोबार 200 करोड़ का हो गया. आज की तारीख में भारतीय शहरों के अलावा उनकी कंपनी की ब्रांच दुनिया के 155 देशों में खुल चुकी हैं.