प्राण प्रतिष्ठा : 12:29 पर “प्रभु राम” की मूर्ति को भक्तों की प्रार्थना स्वीकार करने की मिली शक्ति

अयोध्या (Ayodhya) में बने भव्य मंदिर में भगवान राम की 22 जनवरी को मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा हो गई है। रामलला की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा का इंतजार खत्म हो गया। शुभ मुहूर्त में विधि-विधान के साथ मंदिर के गर्भगृह में “भगवान राम” (Lord Ram”) विराजमान हो गए।

प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला की पहली झलक

पीएम मोदी (PM Modi) ने पूरे विधि-विधान से पूजा शुरू की। पूरे विधि-विधान से गर्भगृह में बाल राम की मूर्ति को स्थापित की गई। जिसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने भगवान राम के चरणों में शीश झुकाया। पीएम मोदी के साथ यूपी के सीएम आदित्यनाथ (CM Adityanath) थे। इस दौरान आरएसएस चीफ मोहन भागवत (RSS Chief Mohan Bhagwat) भी वहां मौजूद थे। स्वर्ण आभूषणों से बाल राम की सजावट की गई है। फ़िलहाल पूजा अभी चल रही है।

शहनाई की मधुर ध्वनि के बीच बाल राम की प्राण प्रतिष्ठा की गई। इस भव्य और दिव्य समारोह का साक्षी पूरा देश बना। इस दौरान अयोध्या में समारोह स्थल पर बॉलीवुड, क्रिकेट और उद्योग जगत के साथ तमाम सेक्टर्स से जुड़े दिग्गज मौजूद रहे।

अयोध्या में नौ रत्नों पर विराजे रामलला
रामलला के मुकुट में नौ रत्न सुशोभित हैं और गले में सुंदर रत्नों की माला है। भगवान रामलला की कमरबंद भी सोने से बना है। रामलला के आभूषणों में रत्न, मोती, हीरे शामिल हैं।

यजमान का कर्तव्य निभाते पीएम मोदी

बता दें कि प्राण-प्रतिष्ठा का अनुष्ठान 16 जनवरी से शुरू हो गया था। ‘प्रतिष्ठित परमेश्वर’ मंत्र के उच्चारण और विधि-विधान के साथ भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हुई।

प्राण प्रतिष्ठा के लिए वैदिक मंत्रों के उच्चारण और पूजा विधियों को अपनाया गया। वैदिक परंपरा को “प्राण प्रतिष्ठा” कहते हैं। मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद मूर्ति में भक्तों की प्रार्थना स्वीकार करने और वरदान देने की शक्ति आ जाती है।
बाल स्वरूप रामलला की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए सोमवार( 22 जनवरी 2024) का दिन चुना गया था। इसके पीछे एक खास मकसद था, इस तारीख को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट और 08 सेकंड से 12 बजकर 30 मिनट और 32 सेकंड का शुभ मुहूर्त था। 84 सेकंड का समय बहुत ही खास था।

क्यों थे 84 सेकंड अहम
हिंदू धर्म में मंदिर में देवी-देवता की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा अनिवार्य कार्य माना जाता है। मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के लिए पंचांग के माध्यम से विशेष मुहूर्त निकाले जाते हैं। इस लिहाज से अयोध्या राम मंदिर में भगवान श्रीराम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 22 जनवरी की तारीख का चुनाव विद्वान ज्योतिषाचार्यों के द्वारा किया गया है। 22 जनवरी 2024 को पौष माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को अभिजीत मुहूर्त, इंद्र योग, मृगशिरा नक्षत्र, मेष लग्न और वृश्चिक नवांश का अत्यंत शुभ संयोग था। विद्वान पंडितों और ज्योतिषाचार्यों द्वारा प्राण प्रतिष्ठा के लिए 22 जनवरी का शुभ मुहूर्त बहुत ही खास बताया गया था।अभिजीत मुहूर्त के साथ नवांश लग्न से 9वें स्थान पर उच्च के गुरु भी मौजूद रहे। 6 ग्रह भी एक साथ मौजूद थे। इसके अलावा लग्न के स्वामी मंगल और भाग्य भाव के स्वामी ग्रह का परिवर्तन योग भी बना।

कैसा रहा माहौल
इस मौके पर अयोध्या समेत देशभर में उत्सव का माहौल देखा गया। भक्त “राम” की धुन में खोए हुए थे। अयोध्या की हर-गली पूरी राममय नजर आई। अयोध्या धाम-विराजेंगे श्री राम, राम आ गए हैं, लिखे हुए पोस्टर और होर्डिंग लगाए गए हैं। देश में दिवाली (Diwali) जैसा माहौल नजर आ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देशभर की चुनिंदा हस्तियां समारोह की साक्षी बनी। विभिन्न स्थानों पर रामलीला, भागवत कथा, भजन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। वहीं, प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर अयोध्या में कड़ी सुरक्षा के बीच जश्न का माहौल है। जगह-जगह पर राम नाम की धुन सुनाई दे रही है और भक्त राम की धुन में लीन हैं।

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में 14 जोड़े यजमान
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में काशी के डोमराजा के परिवार समेत विभिन्न वर्गों से 14 यजमान सपत्नीक शामिल हुए। इनके निर्धारण में ध्यान रखा गया था कि समाज के सभी वर्गों की समारोह में भागीदारी हो।

 प्राण प्रतिष्ठा समारोह की खास बातें
अयोध्या में बन रहे राम मंदिर का डिजाइन 1998 में ही तैयार हो गया था। इसे अहमदाबाद में स्थित सोमपुरा परिवार ने डिजाइन किया था। हालांकि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से फैसला आने के बाद 2020 में सोमपुरा परिवार ने ही इसमें कुछ बदलाव किए।

प्राण प्रतिष्ठा से पहले ‘मंगल ध्वनि’ का वादन हुआ। इसके लिए 50 से अधिक मनोरम वाद्ययंत्र, विभिन्न राज्यों से लगभग 2 घंटे तक इस शुभ घटना का साक्षी बने। अयोध्या के यतीन्द्र मिश्र इस भव्य मंगल वादन के परिकल्पनाकार और संयोजक रहे, जिसमें केंद्रीय संगीत नाटक अकादमी, नई दिल्ली ने सहयोग किया।

भगवान रामलला के स्वागत में अयोध्या में दिवाली मनाने की तैयारी है। आज अयोध्या दस लाख दीपकों से जगमगाएगी। इसके अलावा आज सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ लेजर शो भी दिखाएगा जाएगा। यानी आज अयोध्या में स्वर्ग जैसा अहसास होगा।

प्राण प्रतिष्ठा समारोह में 11 हजार लोगों को आमंत्रित किया गया था। इसमें साधुसंत, नेता और सेलिब्रिटियों को न्योता भेजा गया था।

भारत के इतिहास में ऐसा पहली होगा होगा जब पहाड़ों, वनों, तटीय इलाकों, द्वीपों और मैदानी इलाकों के लोग एक स्थान पर किसी धार्मिक अनुष्ठान के लिए उपस्थित रहेंगे। यानी प्राण प्रतिष्ठा में पूरे भारत की इलक देखने को मिलेगी।