वाराणसी अयोध्या में भगवान श्रीराम की प्राण-प्रतिष्ठा का अनुष्ठान पूर्ण होने तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत सभी 11 यजमानों को आहार-विहार, शयन आदि के संबंध में यम-नियम के कठोर 45 व्रतों का पालन करना होगा। अनुष्ठान के प्रमुख आचार्य काशी के विद्वान पं. गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने यजमानों के लिए यम-नियम की आचार संहिता जारी की है। इसके अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत सभी यजमानों को 11 दिनों तक एक समय सेंधा नमक युक्त सात्विक आहार ग्रहण करना होगा।

पीएम मोदी दिन में फलाहार कर सकते हैं। अनुष्ठान पूर्ण होने तक चारपाई पर सोना या बैठना वर्जित है। लकड़ी के तख्त का प्रयोग कर सकते हैं। आसन के रूप में कंबल होगा। बिस्तर पर सोना या बैठना, नियमित दाढ़ी बनाना व नाखून निकालना वर्जित होगा। यथासंभव मौन रहने अथवा मितभाषी होने का अभ्यास करना होगा।

यम-नियम का संकल्प लेकर शुरू किया पालन

पीएम मोदी ने शुक्रवार से ही यम-नियम का संकल्प लेकर उसका पालन आरंभ कर दिया है। आचार्य शास्त्री ने इस संबंध में एक पत्र पूर्व में ही श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद गिरि को भेजकर यजमानों को अवगत करा देने का आग्रह किया था। हालांकि उन्होंने इस व्रत का पालन करने के लिए शास्त्रों के अनुसार न्यूनतम एक सप्ताह की अवधि तय करते हुए 15 जनवरी से पालन सुनिश्चित करने का आग्रह किया था।

नित्य सुबह करेंगे स्नान, त्यागना होगा बाहरी भोजन

पं. गणेश्चर शास्त्री द्रविड़ द्वारा शास्त्रों के आलोक में दी गई व्यवस्था के अनुसार सभी यजमानों को नित्य सुबह स्नान करना होगा। बाहरी भोजन का त्याग करना होगा। क्रोध, लोभ, मद, मोह, अहंकार से मुक्त रहकर ध्यान-साधना के माध्यम से मन को एकाग्र रखना होगा। सत्यव्रत का पालन करना होगा।

सिले वस्त्रों से दूरी, भोजन भी होगा सादा

आचार्य द्रविड़ के अनुसार यजमानों को इस अवधि में यथासंभव सिले हुए वस्त्र से दूर रहना होगा। रेशमी, ऊनी वस्त्र, कंबल, शाल, स्वेटर आदि धारण कर सकते हैं। सद्विचार, सत्चिंतन से युक्त रहना होगा। अनुष्ठान अवधि में हल्दी, तेल, राई, सरसों, लहसुन, प्याज, मांस, मदिरा, अंडा, तेल से बने भोज्य पदार्थ, गुड़, भुजिया चावल, चना आदि नहीं खाना है। दवा के लिए मनाही नहीं है, तांबुल भी ले सकते हैं। खाने-पीने के सभी पदार्थों को भगवान को भोग लगाकर प्रसाद के रूप में ग्रहण करेंगे।

140 करोड़ भारतीय होंगे मेरे साथ: पीएम

रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के क्षणों की अनुभूति से स्वयं को और जनता को जोड़ते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहा, ‘प्राण प्रतिष्ठा की मंगल-घड़ी… चराचर सृष्टि का वह चैतन्य पल… आध्यात्मिक अनुभूति का वह अवसर… गर्भगृह में उस पल क्या कुछ नहीं होगा..! शरीर के रूप में तो मैं उस पवित्र पल का साक्षी बनूंगा ही, लेकिन मेरे मन में, मेरे हृदय के हर स्पंदन में 140 करोड़ भारतीय मेरे साथ होंगे।

पीएम मोदी ने कहा कि आप मेरे साथ होंगे.. हर रामभक्त मेरे साथ होगा। और वह चैतन्य पल, हम सबकी साझी अनुभूति होगी। मैं अपने साथ राम मंदिर के लिए अपने जीवन को समर्पित करने वाले अनगिनत व्यक्तित्वों की प्रेरणा लेकर जाऊंगा। जब 140 करोड़ देशवासी उस पल में मन से मेरे साथ जुड़ जाएंगे और जब मैं आपकी ऊर्जा को साथ लेकर गर्भगृह में प्रवेश करूंगा तो मुझे भी अहसास होगा कि मैं अकेला नहीं, आप सब भी मेरे साथ हैं।’

पीएम मोदी ने मांगा लोगों का आशीर्वाद

प्रधानमंत्री ने देश को अपने साथ जुड़ने के लिए कहा और नमो एप पर लिखित में शब्दों के रूप में आशीर्वाद भी मांगा। देशवासियों से अपने भाव उनके साथ साझा करने को कहा। बोले, जनता-जनार्दन में ईश्वर का रूप होता है, यह मैंने साक्षात देखा है, महसूस किया है। जब ईश्वर रूपी वही जनता शब्दों में अपनी भावनाएं प्रकट करती है, आशीर्वाद देती है तो मुझमें भी नई ऊर्जा का संचार होता है। आज मुझे आपके आशीर्वाद की आवश्यकता है।

जब पीएम मोदी को आई मां की याद

प्रधानमंत्री ने स्वामी विवेकानंद और मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज की मां जीजाबाई की जयंती का उल्लेख करते हुए कहा कि इस अवसर पर उन्हें अपनी मां की याद आना स्वाभाविक है जो अपने जीवन के अंतिम समय तक ‘सीता राम’ का जप करती रहीं।