प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस की 24 घंटे जारी है ड्यूटी

हिमाचल प्रदेश में बाढ़ से मची भारी तबाही को लेकर पुलिस द्वारा स्थापित कंट्रोल रूम 15 सितंबर तक राहत और रेस्क्यू के लिए कार्यशील रहेंगे। यह बात रविवार को हिमाचल प्रदेश पुलिस के डीजीपी संजय कुंडू ने मंडी के पुलिस लाइन में आयोजित एक प्रेसवार्ता में कही।

प्रेसवार्ता सम्बोधित करते डीजीपी संजय कुंडू

संजय कुंडू ने कहा कि मंडी के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जिला पुलिस ने एसपी सौम्या सांबशिवन के नेतृत्व में बेहतरीन कार्य किया है। जिसको लेकर राष्ट्रीय कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने भी ट्वीट कर एसपी सौम्या की पीठ थपथपाई गई है। उन्होंने कहा कि मंडी पुलिस के जवान आपदा की इस घड़ी में बगैर थके और बगैर रूके दिनरात लोगों के साथ खड़े रहे। अभी भी पुलिस के जवान 24 घंटे प्रभावित क्षेत्रों में ड्यूटी पर सेवाएं दे रहे हैं। संजय कुंडू ने कहा कि प्रदेश में आई आपदा को पुलिस ने बतौर चुनौती स्वीकार करते हुए बखूबी निभाया है।

डीजीपी संजय कुंडू ने कहा कि उन्होंने कहा कि प्रदेश में आई त्रासदी से हिमाचल प्रदेश पुलिस को भी बहुत कुछ सीखने को मिला है। इसके अंतर्गत प्रदेश पुलिस ने सरकार से कुल्लू के मणिकर्ण में पुलिस थाना और कसोल में डीएसपी कार्यालय खोलने की मांग की है। इसके साथ सूबे के हर पुलिस थाना में आपदा प्रबंधन टीम और दुर्गम क्षेत्रों में त्वरित कार्रवाई के लिए पुलिस की तैनाती भी की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि आपदा की घड़ी में सबसे पहले राहत पहुंचाने वाली पुलिस होती है। अब पर्यटक प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों में भी जा रहे हैं, इसलिए प्रदेश में पर्यटकों को राहत और रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए पुलिस को आपदा प्रबंधन के लिए तैयार होना पड़ेगा।

बता दें कि मंडी पुलिस ने आपदा प्रबंधन के दौरान विभिन्न स्थानों से 7 शवों को बरामद किया है। इनमें से 3 शवों की पहचान हो चुकी है और 4 अन्य शवों की पहचान होना अभी बाकी है। पुलिस थाना औट में पार्क किए गए 6 दो-पहिया,14 एलएमवी गाड़ियां और 6 ट्रक बहने से पुलिस को 94 लाख 50 हजार 17 रूपए का वित्तीय नुकसान हुआ है।

वहीं ब्यास नदी के किनारे स्थापित कैमरों को बाढ़ से पहुंचे नुकसान के बाद ठीक कराने के लिए लगभग 5 लाख की राशि खर्च होगी। इसके साथ मंडी जिला के उपमंडल थुनाग के पुलिस थाना जंजैहली में बाढ़ के कारण 1 लाख 70 हजार का नुकसान हुआ है। आपदा की स्थिति में मंडी पुलिस द्वारा 700 प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है और 20 लोगों को रेस्क्यू किया है।