वाजपेयी की 99वीं जयंती पर राष्ट्रपति-PM ने दी श्रद्धांजलि:मोदी बोले- अटल प्रेरणा के स्रोत, जीवनभर राष्ट्र निर्माण में जुटे रहे
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज (25 दिसंबर को) 99वीं जयंती है। दिल्ली के सदैव अटल मेमोरियल पर पीएम मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस मौके पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत तमाम नेता उपस्थित रहे। उन्होंने भी पूर्व PM को नमन किया।
पीएम मोदी ने X पर लिखा- पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी जयंती पर देश के सभी परिवारजनों की ओर से मेरा नमन। वे जीवनपर्यंत राष्ट्र निर्माण को गति देने में जुटे रहे। मां भारती के लिए उनका समर्पण और सेवा भाव अमृतकाल में भी प्रेरणास्रोत बना रहेगा। इसके साथ ही मोदी ने एक वीडियो भी शेयर किया, जिसमें उनकी पुरानी तस्वीरें लगाई गई थीं।
अब देखिए सदैव अटल स्मृति स्थल की तस्वीरें…
वाजपेयी ने 3 बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी
जवाहर लाल नेहरू के बाद अटलजी पहले नेता थे, जिन्होंने लगातार तीन बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। 25 दिसंबर 1924 में जन्मे अटलजी 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान राजनीति में आए। 1951 में भारतीय जनसंघ के गठन में भी उनकी अहम भूमिका रही।
उन्होंने 1952 के पहले लोकसभा चुनाव में लखनऊ सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन वे चुनाव हार गए। अटलजी को अपने राजनीतिक करियर की पहली सफलता 1957 में मिली। इस साल वे लखनऊ, मथुरा और बलरामपुर से लोकसभा चुनाव में उतरे। इन तीन में से दो सीट पर वे चुनाव हार गए, लेकिन बलरामपुर से उन्हें जीत मिली। इस तरह वाजपेयी का संसदीय सफर शुरू हुआ।
इमरजेंसी के बाद जब मोरारजी देसाई की सरकार बनी तब वाजपेयी ने विदेश मंत्री का पद संभाला। विदेश मंत्री बनने के बाद वाजपेयी पहले ऐसे नेता थे, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा को हिंदी में संबोधित किया।
अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार देश के प्रधानमंत्री रहे। पहली बार 1996 में वह 13 दिन के लिए PM बने। दूसरी बार वह 1998 में PM बने और 13 महीने तक पद पर रहे। 13 अक्टूबर 1999 को उन्होंने तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली और कार्यकाल पूरा करने वाले देश के पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री बने।
अटल जी के कार्यकाल में कई ऐतिहासिक फैसले लिए गए, जिनका फायदा देश को आज भी मिल रहा है। उनकी सरकार के फैसले की वजह से कभी 17 रुपए प्रति मिनट कॉलिंग वाले मोबाइल से फ्री कॉलिंग तक का दौर आना संभव हो पाया। उनकी सरकार ने टेलीकॉम फर्म्स के लिए फिक्स्ड लाइसेंस फीस को खत्म कर दिया और उसकी जगह रेवेन्यू शेयरिंग की व्यवस्था शुरू की। 16 अगस्त 2018 को दिल्ली के एम्स अस्पताल में उनका निधन हो गया।
अटल सरकार में ही 15 सितंबर 2000 को भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) का गठन किया। इसके अलावा टेलीकॉम सेक्टर में होने वाले विवादों को सुलझाने के लिए 29 मई 2000 को टेलीकॉम डिस्प्यूट सेटलमेंट अपीलेट ट्रिब्यूनल (TDSAT) का भी गठन किया। देश के चारों महानगरों को जोड़ने के लिए उन्होंने स्वर्णिम चतुर्भुज योजना शुरू की।
अटल जी को 1992 में पद्म विभूषण और 2015 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। अटल जी का 93 साल की उम्र में 16 अगस्त 2018 को निधन हुआ था।
राजस्थान में वाजपेयी के विचारों पर होंगे कार्यक्रम
राजस्थान सरकार आज 25 दिसंबर को सुशासन दिवस के रूप में मना रही है। इस मौके पर जिला मुख्यालय से लेकर ग्राम पंचायत स्तर पर कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं, जिसमें वाजपेयी के विचारों को प्रसारित किया जा रहा है। साथ ही हर जनप्रतिनिधि और सरकारी कर्मचारी को सुशासन व्यवस्था कायम करने की शपथ दिलाई जा रही है।