पाकिस्तान में एक के बाद एक आतंकियों को मिट्टी में मिलाने का मिशन कौन चला रहा है?…कई मीडिया रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया में दाऊद को जहर देने का दावा

Pakistan Dawood Ibrahim: पाकिस्तान में छिपे भारत के मोस्ट वॉन्टेड आतंकी दाऊद इब्राहिम को जहर दिए जाने की खबर आई है. पाकिस्तानी पत्रकार आरजू काजमी समेत कई लोगों ने बताया है कि इस वक्त सोशल मीडिया पर एक इंपॉर्टेंट न्यूज गर्दिश कर रही है और कहा जा रहा है कि पाक क्रिकेटर जावेद मियांदाद के समधी और भारतीय नागरिक दाऊद इब्राहिम को किसी ने जहर दे दिया है. अब उसकी हालत नाजुक बताई जा रही है. उसे क्रिटिकल हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है. उन्होंने यह भी बताया है कि इस न्यूज के सामने आते ही पाकिस्तान में ट्विटर, यूट्यूब और गूगल सर्विसेज भी डाउन हो गई हैं. कोई कम्युनिकेट नहीं कर पा रहा है. कोई न्यूज नहीं दे पा रहा. हालांकि इस खबर की पुष्टि नहीं हो पाई है. कल रात से ही भारत में भी यह खबर सनसनी बनकर फैल रही है. भारत में हर शख्स के दिमाग में एक ही सवाल उठ रहा है कि पाकिस्तान में बैठे भारत के दुश्मनों का हाल के दिनों में अपने आप सफाया कौन कर रहा है?

‘सफाया’ कहीं ISI की साजिश तो नहीं

दरअसल, पाकिस्तान के पिछले दो साल के हालात को पलटकर देखें तो पता चलता है कि उसकी माली हालत बेहद खराब है. दुनिया से मिलने वाली फंडिंग घट गई है. देश की बदनामी के साथ महंगाई भी बढ़ी है. सरकार का खजाना खाली है. इन सबकी वजह पाकिस्तान की आतंकियों के लिए हमदर्दी है. अब इस सफाए की एक बड़ी वजह यह मानी जा रही है कि हो सकता है कि पाकिस्तान के हुक्मरानों खासतौर पर आईएसआई को यह बात समझ में आ गई हो कि अगर देश को बचाना है तो उसे खून से सने हाथ धोने होंगे. जी हां, आतंकियों से पल्ला झाड़ना होगा और अपनी जमीन से आतंक की नर्सरी को खत्म करना होगा. हालांकि यह पाकिस्तान के लिए इतना आसान भी नहीं है. ऐसे में हो सकता है कि झगड़े की आड़ लेकर बड़े-बड़े विकेट गिराए जा रहे हों क्योंकि जब आतंकियों के आका ही नहीं रहेंगे तो अपने आप पूरी आतंकी जमात बिखर जाएगी.

एक साल पहले पाकिस्तान पूरे चार साल के बाद FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर हुआ था. उसे पहली बार 2008 में इस लिस्ट में शामिल किया गया था. पिछले साल पाक को राहत इसलिए मिली क्योंकि वहां नेशनल असेंबली ने मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग पर रोक के लिए विधेयक पारित किया था. इसके बाद पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए दुनिया से इन्वेस्टमेंट आने की उम्मीद बढ़ गई. अंतरराष्ट्रीय कंपनियां हिचकिचाती थीं लेकिन अब वे पाक पर भरोसा कर सकेंगी. इसके बाद पिछले एक साल में पाकिस्तान में एक के बाद एक कई आतंकी मिट्टी में मिला दिए गए.

टारगेट किलिंग की दूसरी बड़ी वजह

इस साल अब तक पाकिस्तान में एक दर्जन से ज्यादा आतंकियों की मौत हो चुकी है. दिसंबर की शुरुआत में ही कराची में लश्कर आतंकी और उधमपुर में BSF के काफिले पर हमले के मास्टरमाइंड अदनान अहमद उर्फ हंजला को मौत के घाट उतार दिया गया. पता चला कि अज्ञात हमलावरों ने गोलियों से छलनी कर दिया था. यह 26/11 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का करीबी बताया गया.

इससे एक दिन पहले मुंबई हमले की साजिश रचने वाले लश्कर के आतंकी साजिद मीर को पाकिस्तान की जेल में जहर देने की खबर आई थी. इससे कुछ महीने पहले पाकिस्तान में खालिस्तानी आतंकी परमजीत सिंह पंजवड़, एजाज अहमद, बशीर अहमद पीर, मुफ्ती कैसर फारूक जैसे कई आतंकियों को मार दिया गया. सबमें एक बात कॉमन थी ‘अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मार दी’. ऐसे में यह सवाल पैदा हो रहा है कि क्या आतंकी संगठनों में आपसी लड़ाई तो नहीं छिड़ गई है? वर्चस्व की जंग पहले भी देखने को मिल चुकी है. यह पड़ोसी अफगानिस्तान में तालिबान हुकूमत का असर तो नहीं या पाकिस्तान में कोई बड़ा आतंकी संगठन तो नहीं जन्म ले रहा?

एक रिपोर्ट का दावा है कि पाकिस्तान में इस साल 20 हाई-प्रोफाइल आतंकियों की हत्या हुई है. ऐसे में सवाल यह पैदा हुआ कि पाकिस्तान की धरती पर भारत के दुश्मनों का सफाया कौन कर रहा? कुछ हफ्ते पहले ही इस बात की आशंका जाहिर की गई थी कि कहीं यह आईएसआई की कोई गहरी साजिश तो नहीं और क्या अगला टारगेट दाऊद इब्राहिम होगा? अब कुछ घंटे से दाऊद को जहर देने की अटकलें सोशल मीडिया पर ट्रेंडिंग टॉपिक में है.

Dawood Ibrahim Health Latest Update

  1. अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की तबीयत काफी खराब है. सोमवार तड़के मिले ताजा अपडेट के मुताबिक उसे कराची के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
  2. अटकलें लगाई जा रही हैं कि किसी अपने ने उसे जहर दे दिया है. हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है.
  3. अस्पताल में उसे दो दिन हो चुके हैं यानी शनिवार रात उसकी तबीयत खराब हुई थी. अस्पताल के भीतर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था है.
  4. अस्पताल में जिस फ्लोर पर दाऊद है उस पर कोई दूसरा मरीज भर्ती नहीं है. डॉक्टरों के अलावा केवल परिवार के लोगों को उस फ्लोर पर जाने दिया जा रहा है.