नेरचौक मेडिकल कॉलेज के 283 स्वास्थ्य कर्मचारी लड़ रहे अपने अस्तित्व की लड़ाई

वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान आउटसोर्स (outsource) पर रखे गए स्वास्थ्य कर्मचारी अभी भी अपने रोजगार को लेकर संघर्षरत हैं। इन कर्मचारियों को कोविड वॉरियर्स (covid warriors का तमगा तो दे दिया गया, लेकिन अभी भी कर्मचारी प्रदेश सरकार से रोजगार की उम्मीद लगाए बैठे हैं।

मंडी जिला के श्री लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज नेरचौक (Medical College Nerchowk) में कार्यरत 283 स्वास्थ्य कर्मचारियों को नौकरी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। इसमें 110 स्टाफ नर्स,(staff nurse) 90 वार्ड बॉय (ward boy) और 83 सफाई कर्मचारी हैं जो बीते 13 दिनों (13 days) से रोजाना मेडिकल कॉलेज आकर रोजगार वापिस देने की मांग करते हैं। लेकिन शाम ढलते ही खाली हाथ अपने घर वापिस लौट जाते हैं।

मामले में प्रदेश सरकार द्वारा इन कर्मचारियों को 3 माह की एक्सटेंशन (extension) दी गई थी। इसके बावजूद आज दिन तक इस आदेश की कोई लिखित नोटिफिकेशन (Notification) सरकार द्वारा जारी नहीं की गई है। इस कारण आउटसोर्स कंपनी द्वारा इन्हें नौकरी से बाहर निकाल दिया है। अब नोवा वैक्स कोविड-19 एसोसिएशन कर्मचारियों को नौकरी में एक्सटेंशन और स्थाई नीति बनाने की मांग को लेकर शुक्रवार को सीएम (CM) सुखविंदर सिंह सुक्खू से शिमला में बैठक करने जा रहे हैं।

बता दें कि कोविड- महामारी के दौरान आपातकालीन व्यवस्था में रखे प्रदेश के आउटसोर्स कर्मी बेरोजगार हो गए हैं। हैरानी की बात तो यह है कि इनमें से अधिकतर स्टाफ नर्स और अन्य ऐसे कर्मचारी हैं। जिन्होंने कोविड के दौरान उन वार्ड में अपनी सेवाएं दी है जहां डॉक्टर भी जाने से कतराते थे।

प्रदेश सरकार द्वारा इन कर्मचारियों को 1 जुलाई से 3 माह के सेवा विस्तार की बात कही गई थी। लेकिन आज दिन तक इस संबंध में कोई भी लिखित अधिसूचना जारी नहीं हुई है। इसके बाद आउटसोर्स कंपनी का सरकार के साथ करार समाप्त होने के बाद इन कर्मचारियों को नौकरी से बाहर कर दिया गया है।