शनिवार रात अढ़ाई बजे शहर के समीपवर्ती गांव के पांच युवाओं की टोली पैदल ही चूड़धार (Churdhar) चोटी को नापने निकली है। समुद्रतल से नाहन की ऊंचाई करीब 932 मीटर है, जबकि चूड़धार चोटी की ऊंचाई 3646 मीटर है, यानि साधारण शब्दों में ये सफर 3000 फीट की ऊंचाई से शुरू हुआ है, जो 11,965 फीट की ऊंचाई पर पूरा होगा। चुनौती इस कारण भी है, क्योंकि युवाओं की टोली ने अप-डाऊन का फैसला लिया है।
सामान्य तौर पर श्रद्धालुओं को चोटी की यात्रा के लिए तीन दिन का वक्त लग ही जाता है। ये टोली पांच दिन में पैदल ही यात्रा पूरी करेगी। टीम को लीड कर रहे जलापड़ी गांव के विक्रम सिंह दूसरी बार इस लक्ष्य को भेदने निकले हैं, लेकिन आम्बवाला के शगुन तोमर, कटोला के कमल कुमार व लक्की गौड़ के अलावा जब्बल का बाग के रितेश चौहान पहली बार लक्ष्य को हासिल करने निकले हैं।
अंतिम समाचार के मुताबिक युवाओं की टोली ददाहू को पार कर चुकी थी। पहला पड़ाव संगड़ाह में होगा। दूसरे पड़ाव में युवाओं की टोली नौहराधार में रात्रि विश्राम करेगी। सोमवार को चूड़धार चोटी की चढ़ाई शुरू होगी। इसी शाम वापस नौहराधार पहुंचने का कार्यक्रम है।
नाहन तक वापसी में भी पैदल ही दो दिन का सफर तय करेंगे। युवाओं ने बस स्टैंड से यात्रा शुरू की है। टीम लीडर विक्रम ने कहा कि पिछले साल वो अकेले ही गए थे, लेकिन इस बार संख्या पांच है। तमाम युवाओं में भोले शंकर की स्थली में पहुंचने का खासा उत्साह है।
दिलचस्प ये है कि इन युवाओं ने कठिन यात्रा के लिए पहले से कोई तैयारी नहीं की थी। फोन पर बातचीत में विक्रम ने कहा कि नाहन से ददाहू के बीच तेज धूप की वजह से गर्मी महसूस हुई थी, लेकिन जैसे-जैसे ऊंचाई की तरफ बढ़ रहे हैं, मौसम बेहद सुहावना हो रहा है।