पढ़ने में होशियार बच्चे अक्सर बचपन में ही तय कर लेते हैं कि उन्हें बड़े होकर क्या बनना है. वहीं कुछ बच्चे अपने बड़े भाई बहनों को देखकर अपना लक्ष्य निर्धारित करते हैं. हालांकि ऐसा बहुत कम ही देखा जाता है कि एक ही घर के भाई-बहनों ने एक जैसा ही प्रोफेशन चुना हो. लेकिन राजस्थान के एक परिवार में ऐसा सच में हुआ है. यहां के एक घर के सभी भाई बहन जज हैं.
मिलिए भारत के पहले ‘जजों के परिवार’ से
ये इतिहास रचा गया है राजस्थान के अलवर जिले के एक परिवार में, जहां पांच सगे भाई-बहन जज बन गए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के दावों के मुताबिक यह देश का पहला ऐसा मामला है, जहां पांच सगे भाई-बहन विभिन्न न्यायालयों में जज बने हैं. इस परिवार को अब ‘जजों का परिवार’ कहा जा रहा है. इस परिवार की कहानी प्रेरक होने के साथ साथ काफी दिलचस्प भी है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ये कारनामा अलवर शहर के नयाबास निवासी भागीरथ मीणा और कमलेश के पांचों बच्चों ने किया है.
7 भाई बहनों में 5 हैं जज
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भगीरथ मीणा ने बताया कि उनकी पांच बेटियों और दो बेटों में से चार बेटियां और एक बेटा जज बन गए हैं. उनका कहना है कि उन्होंने अपने सभी बच्चों की पढ़ाई में कोई कमी नहीं रखी और उन्हें खूब पढ़ाया. बेटों के साथ साथ उन्होंने बेटियों को भी पढ़ाने में कभी भेदभाव नहीं किया. उन्हें अपनी बेटियों पर हमेशा से विश्वास रहा है, यही वजह रही कि उन्होंने सभी को दूसरे शहर अकेले रहकर पढ़ाई करने के लिए भेजा. भगीरथ मीणा ने बताया कि उनका एक बेटा खलेश अभी लॉ कर रहा है. जबकि एक बेटी दुर्गेश पंजाब सिंध बैंक में पीओ है.
ये हैं वो 5 भाई-बहन
इन पांचों भाई-बहनों में से एक कामक्षी मीणा ने एनएलयू पटियाला पंजाब से एलएलबी और डीयू से एलएलएम की पढ़ाई पूरी की है. वह राजस्थान के सांगानेर में सिविल जज हैं. वहीं एक बहन मीनाक्षी मीणा दिल्ली में सिविल जज हैं. उन्होंने एनएलयू जयपुर से एलएलबी और एनएलयू बेंगलुरु से एलएलएम किया है. तीसरी बहन मोहिनी मीणा ने एनएलयू पटियाला से एलएलबी के बाद डीयू से एलएलएम की पढ़ाई की है.
वह भी इस समय दिल्ली में सिविल जज हैं. सुमन मीणा राजस्थान के चौमू में सिविल जज हैं. उन्होंने एनएलयू पटियाला से एलएबी के बाद डीयू से एलएलएम की पढ़ाई की है.
जबकि भाई निधीश मीणा ने बीए ऑनर्स के बाद एलएलयू गांधीनगर, गुजरात से एलएलबी किया है.