ददाहू के युवकों के साहस से गिरिनदी की तेज जलधाराओं में ‘भैंस’ को मिला नवजीवन…

वैसे तो मवेशी पानी में घंटों तक खुद को सुरक्षित रख लेते हैं, आवश्यकता के मुताबिक तैर भी लेते हैं। ददाहू के बड़ोन के दो युवकों रवि ठाकुर व राकेश की कोशिश से नदी में बहती भैंस (Buffalo) को नव जीवन मिल गया। हालांकि, ये भैंस किनारे पर लग गई थी, लेकिन उफनती नदी से सुरक्षित जगह पर पहुंचना मुमकिन नहीं था।

बड़ोन के खुले इलाके में मौजूद रेस्क्यू की गई भैंस।

घटना, रविवार शाम की है। उफनती नदी में दो भैंसे बहती नजर आई। इसमें एक भैंस किनारे पर आ गई, लेकिन दूसरी जटोन की तरफ गिरि नदी की तेज जलधाराओं में फंस कर आगे चली गई। युवकों ने स्थानीय ग्रामीणों की मदद से बमुश्किल भैंस को रेस्क्यू किया। इसके बाद भैंस को खुले में छोड़ दिया गया है। रवि ठाकुर की मानें तो भैंस के गले में टैग मौजूद है, लेकिन वो डर के कारण किसी को भी नजदीक नहीं आने दे रही।

रवि ने संभावना जताई कि ये भैंसे मोतू/माइना की तरफ से बहकर आई हैं। उल्लेखनीय है कि बड़ोन गांव में भी कई घरों को नदी की तेज धाराओं से खतरा पैदा हो गया है। ग्रामीणों के मुताबिक मंगलवार को नदी के जलस्तर में आंशिक गिरावट ही नजर आई।

कुल मिलाकर एक मवेशी पर भी कहावत ‘जाको राखे साईंयां मार सके न कोई’ चरितार्थ हुई है।