ट्रैफिक चालान भरने के लिए नहीं लगाने होंगे कोर्ट के चक्कर, पांच जिलों में वर्चुअल कोर्ट का आगाज़

देश के अन्य राज्यों की तरह हिमाचल प्रदेश में भी आम जनता को ट्रैफिक चालान भरने के लिए कोर्ट के चक्कर नहीं काटने होंगे। चालान भरने के लिए मोबाइल या कंप्यूटर पर अब एक क्लिक ही काफी होगा। ट्रैफिक चालान के ऑनलाइन निस्तारण के लिए राज्य के पांच जिलों में वर्चुअल कोर्ट खोली गई है। प्रदेश में मोटर वाहन चालान को निपटाने के लिए पांच जिलों में मोबाइल ट्रैफिक मजिस्ट्रेट की वर्चुअल कोर्ट शुरू हुई है।

सोमवार को मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बिलासपुर, हमीरपुर, सोलन, सिरमौर और किन्नौर में मोबाइल ट्रैफिक मजिस्ट्रेट की वर्चुअल कोर्ट का उद्घाटन किया। इस अवसर पर न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर, न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल, न्यायमूर्ति ज्योत्सना रेवाल दुआ, न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य, न्यायमूर्ति सुशील कुकरेजा और न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह थे।

दरअसल वर्चुअल कोर्ट का मकसद कागज रहित अदालतों की ओर बढ़ना और अदालतों में लोगों की संख्या कम करना है। मोटर वाहन चालानों के निपटान के लिए वर्चुअल कोर्ट बनाने के लिए वर्ष 2019 में योजना तैयार की थी। इस योजना के तहत 30 दिसंबर 2021 को शिमला में पहला वर्चुअल कोर्ट क्रियाशील किया गया था। इस वर्चुअल कोर्ट के माध्यम से कुल 1932 मामलों का निपटारा किया गया है और 39,84,250 रुपये की राशि जुर्माने के रूप में एकत्र की गई है।

इस अवसर पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि न्याय तक पहुंच संविधान के सबसे बुनियादी सिद्धांतों में से एक है। ऐसी पहुंच कम न हो और उक्त आदर्श खतरे में न पड़े, न्यायालयों को पर्याप्त बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराने की आवश्यकता है।

मुख्य न्यायाधीश ने न्याय तक पहुंच और भौतिक एवं डिजिटल बुनियादी ढांचे के बीच सहसंबंध की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इन पांच जिलों में वर्चुअल कोर्ट शुरू होने से बड़े पैमाने पर जनता को लाभ होगा। अब वादकारियों को अपने चालानों के निपटारे के लिए दूर-दराज के इलाकों से यात्रा नहीं करनी पड़ेगी और अदालतों में मोटर वाहन चालानों की संख्या भी कम होगी।