देश में अब महिलाएं हर क्षेत्र में अपना वर्चस्व कायम कर रही हैं. उन्हीं में एक नाम है मुंबई के भिवंडी की रहने वाली आनंदी उर्फ कल्पना वंदना का, जो ऑनलाइन कंपनी तोरा (Toraa) की मालकिन हैं, जहां वो कोल्हापुर के कई प्रोडक्ट्स और साड़ी बेचती हैं और आज लाखों कमा रही हैं. हालांकि, उनका एंटरप्रेन्योर बनने तक का सफर काफी संघर्ष से भरा रहा.
मां ने कहा था, “मर क्यों नहीं जाती!”
कल्पना वंदना अनाथ हैं. उन्हें नहीं पता उनका जन्म कहां हुआ. उनके माता-पिता कौन हैं. जब वो कुछ दिन की थीं, तो पुलिस उन्हें एक अनाथालय में ले आई. दो से तीन साल वहां रहीं. उसके बाद महाराष्ट्र के भिवंडी में एक पति-पत्नी ने उन्हें एडॉप्ट कर लिया.
दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कल्पना वंदना कहती हैं कि कुछ वर्षों तक सब ठीक चल रहा था. लेकिन जब 13 से 14 वर्ष की हुईं तो मां बहुत पिटाई करने लगीं. घर से बाहर नहीं जाने दिया जाता था. मां कहती थीं मर क्यों नहीं जाती. पता नहीं क्यों इसे ले आई. लड़का होता तो बात ही कुछ और होती. किस गटर से उठा लिया इसे. इसे एडॉप्ट कर गलती हो गई.
कल्पना की मां के साथ भी कुछ ठीक नहीं चल रहा था. उनका डिवोर्स होने वाला था तो वो सारा गुस्सा वह कल्पना पर निकालती थीं. माता-पिता के अलग होने के बाद घर की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई. हाईस्कूल के बाद कल्पना वंदना ने नौकरी शुरू दी. इसके साथ-साथ उन्होंने पढ़ाई जारी रखी ताकि कुछ और बेहतर नौकरी मिल सके. इंटरमीडिएट के बाद कल्पना मुंबई के एक कॉलेज से मास कम्युनिकेशन का कोर्स कर लिया. उन्होंने कई मीडिया संस्थान और पीआर कंपनी के साथ काम किया.
कैसे पड़ा आनंदी नाम? उसके पीछे की कहानी दर्दनाक है
कल्पना को कॉलेज के दौरान साड़ी पहनना काफी पसंद था. वो सोशल मीडिया पर तस्वीरें भी शेयर करतीं. एक साड़ी उनके दोस्तों को काफी पसंद आई, जिसके बाद उन्होंने उसकी डिमांड कर दी. यहीं से उन्हें खुद के स्टार्टअप का आइडिया आया.
दोस्तों ने कहा शादी कर लो. कल्पना एक लड़के से मिलीं. उसको अपने बारे में सब कुछ बता दिया, उसे कोई एतराज नहीं था. बहरहाल पति ने कल्पना से उनका नाम बदलने का दबाव डाला. पति की जिद पर उन्होंने अपना नाम कल्पना वंदना से आनंदी कर लिया.
कल्पना बताती हैं कि उनकी शादी हो गई जिसके बाद उनकी जिंदगी एक नौकरानी की तरह बीतने लगी. पति का नेटवर्क मार्केटिंग का बिजनेस था. अक्सर वो बाहर रहा करते थे. दोनों के बीच खूब लड़ाई झगड़े होते. उनके पति उनको बुरी तरह मारते. वो लहूलुहान हो जाती थीं. दोस्तों ने कहा बच्चा होने के बाद शायद सब बेहतर हो जाएगा, उन्होंने अपने पति से इसके बारे में बात की. तब पति ने कहा तेरी औकात नहीं है मां बनने की. ऐसे में कल्पना ने अलग होने का फैसला कर लिया.
फिर शुरू किया खुद का स्टार्टअप
कल्पना के पास पैसे नहीं थे. मकान मालिक ने घर खाली करा लिया. फिर वो कोल्हापुर आ गईं और खुद का स्टार्टअप शुरू किया. आज ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म कंपनी तोरा के तहत साड़ी और अन्य प्रोडक्ट्स बेच रही हैं. लोगों को नौकरी भी दे रही हैं. उनका लाखों का टर्नओवर है.