जयपुर: गाड़ी से कुचल कर युवती की हत्या करने के मामले में पुलिस ने अब की ये कार्रवाई
जयपुर में 26 दिसंबर के तड़के गाड़ी से कुचलकर युवती की हत्या करने के मामले में पुलिस ने एक और गिरफ़्तारी की है.
इसके अलावा, देर रात तक शराब पिलाने के आरोप में होटल एवरलैंड के बार संचालक के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की गई है.
जवाहर सर्किल थाना प्रभारी दलबीर सिंह ने बीबीसी से कहा, “मुख्य अभियुक्त मंगेश अरोड़ा के दोस्त गौरव को हत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ़्तार किया है. मंगेश को कोर्ट के समक्ष पेश कर दो जनवरी तक रिमांड पर लिया गया है.”
मालवीय नगर एसीपी संजय शर्मा ने बीबीसी हिंदी को बताया, “मंगेश के दोस्त ने उन्हें उकसाया और कहा कि इतना गाली गलौच सुनकर जा रहे हो. उसके बाद मंगेश ने राजकुमार और युवती पर गाड़ी चढ़ा दी.”
थाना प्रभारी दलबीर सिंह ने बताया, “मंगेश अरोड़ा के दोस्त जितेंद्र से घटना में उपयोग की गई गाड़ी और 9 लाख रुपए बरामद हुए थे. मंगेश को फरार करने में भी जितेंद्र ने सहयोग किया था. जितेंद्र से पूछताछ के बाद उन्हें ज़मानत मिल गई है. पूछताछ के लिए फिर उन्हें बुलाया जाएगा.”
उनके अनुसार, “घटना के दौरान वहां मौजूद प्रत्यक्षदर्शी होटल स्टाफ और मृतक उमा सुतार ने बुक किए गए कैब के ड्राइवर से भी पूछताछ की जाएगी.”
दलबीर सिंह बताते हैं, “घटना के दौरान अभियुक्त मंगेश अरोड़ा के साथ उनकी एक महिला मित्र भी साथ थीं. हमने उनकी पहचान कर ली है. जल्द ही उनसे पूछताछ की जाएगी.”
पुलिस ने बार संचालक के खिलाफ़ एफ़आईआर दर्ज करते हुए बार का लाइसेंस निरस्त करने के लिए जयपुर शहर के ज़िला आबकारी अधिकारी को पत्र लिखा है.
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सीबीआई से जांच पर लगाई गई रोक मिज़ोरम ने वापस ली
मिज़ोरम ने अपने राज्य में किसी भी मामले की जांच सीबीआई से कराने पर लगाई गई रोक हटा ली है.
राज्य के नए मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने गुरुवार को गज़ट में प्रकाशित इस निर्णय को पोस्ट करते हुए ये एलान किया.
उनके इस एलान का मतलब यह हुआ कि सीबीआई अब फिर से मिज़ोरम में किसी मामले की जांच कर सकती है.
मिज़ोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा, “मिज़ोरम सरकार, मिज़ोरम राज्य में अपराधों की सीबीआई जांच पर सहमति देती है. हमारी सरकार अपने नागरिकों के कल्याण के लिए भ्रष्टाचार ख़त्म करने के लिए अडिग है.”
मिज़ोरम के ताज़ा फ़ैसले के बाद सीबीआई को जांच की अनुमति वापस लेने वाले राज्यों की संख्या 10 से घटकर नौ रह गई है.
सीबीआई की स्थापना दिल्ली स्पेशल पुलिस इस्टैब्लिशमेंट (डीएसपीई) एक्ट, 1946 के तहत हुई है.
इस एक्ट की धारा 6 के अनुसार, किसी भी राज्य में सीबीआई तभी जांच कर सकती है, जब वो राज्य अपने यहां जांच की इजाज़त संस्था को दे.
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान कार्मिक मंत्रालय के राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया था कि देश के 10 राज्यों ने अपने यहां सीबीआई से जांच कराने पर दी गई सहमति वापस ले ली है.
उनके अनुसार ऐसे राज्य हैं- पंजाब, झारखंड, केरल, राजस्थान, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, मेघालय, तमिलनाडु और मिज़ोरम.
उन्होंने यह भी बताया था कि केंद्र सरकार का डीएसपीई एक्ट, 1946 की धारा 6 में संशोधन करने का कोई इरादा नहीं है.