केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने किरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट के 2,200 करोड़ रुपये के असैन्य कार्यों के आवंटन में कथित भ्रष्टाचार के संबंध में दिल्ली और जम्मू में आठ स्थानों पर छापेमारी की है. अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि हाल में राजीव दहिया, सुरेंद्र कुमार गुप्ता, सौरभ गुप्ता, अरुण कुमार और ऋषि कुमार शर्मा के परिसरों पर छापेमारी की गई.
अधिकारियों ने कहा कि आरोपियों पर रिश्वत के पैसे को धन शोधन के जरिए सफेद करने का संदेह है. 23 अगस्त, 2018 से 30 अक्टूबर, 2019 के बीच जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहे सत्यपाल मलिक ने दावा किया था कि उन्हें परियोजना से संबंधित दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी.
सीबीआई ने पहले कहा था, ‘किरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट (एचईपी) के लगभग 2,200 करोड़ रुपये के सिविल कार्यों का ठेका एक निजी कंपनी को देने में कदाचार के आरोपों को लेकर यह मामला दर्ज किया गया था.’ एजेंसी ने मामले में चिनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स (पी) लिमिटेड के पूर्व अध्यक्ष नवीन कुमार चौधरी और अन्य पूर्व अधिकारियों एम. एस. बाबू, एम. के. मित्तल और अरुण कुमार मिश्रा तथा पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है, ‘सीवीपीपीपीएल (चिनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स (पी) लिमिटेड) की 47वीं बोर्ड बैठक में जारी निविदा प्रक्रिया को रद्द करने के बाद रिवर्स नीलामी के साथ ई-निविदा के माध्यम से फिर से निविदा निकालने का निर्णय लिया गया था, लेकिन इसे लागू नहीं किया गया (जैसा कि बोर्ड की 48वीं बैठक में निर्णय लिया गया था) और निविदा अंततः पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड को दे दिया गया.’