जंगलों की आग में जल गए कई वन्य जीव…
विश्व पर्यावरण दिवस पर दिया डीएफओ सन्नी वर्मा ने संदेश…
डी.एफ.ओ बन मंडल देहरा सन्नी वर्मा ने जंगलों में बढ़ रही आगजनी की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए जंगलों में आग लगाकर महापाप का भागीदार ना बनने की लोगों से अपील की है। सन्नी वर्मा ने कहा कि जंगलों को बचाने के लिए कर्मचारी दिन-रात जुटे हुए हैं। जो सूचना मिलते ही संबंधित क्षेत्र में जाकर आग बुझाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अधिकतर बनों में आगजनी की घटनाओं में देखने को मिल रहा है कि लोग घास के कारण जंगलों में आग लगा रहे हैं। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कहा कि जंगल में आग न लगाएं।
डीएफओ देहरा ने जानकरी देते हुए बताया कि देहरा बन मंडल के तहत पांच रेंजस आती हैं जिनमें देहरा, डाडासीबा, नगरोटा सूरियां, ज्वालामुखी, खुंडिया शामिल हैं। वहीं उन्होंने बताया कि बन मंडल देहरा के अंतर्गत अभी तक 74 आगजनी की घटनाएं हुई हैं 170 हेक्टेयर के करीव प्लांटेशन प्रवाभित हुए हैं। 353 नैशनल फारेस्ट आग की चपेट में आये हैं जिनसे 32 लाख के करीव नुकसान हुआ है। उन्होंने बनों को आग से बचाने के लिए लोगों से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि अगर कहीं भी आग लगी है तो इसकी सूचना तुरंत बन विभाग को दे और आग बुझाने में भी बन विभाग का सहयोग करें। ताकि आग ज्यादा ना फैल सके और समय से बुझाई जा सके जिससे ज्यादा नुकसान ना हो और जंगल में रहने वाले वन्य जीवों की भी जान बच जाए।
उन्होंने कहा कि अगर कोई जंगल में आग लगाते हुए पकड़ा जाता है तो उसके विरुद्ध इंडियन फारेस्ट एक्ट के तहत मामला दर्ज करके जुर्माना व सज़ा का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि इसके तहत ही ज्वालामुखी में एक मामला दर्ज किया है जिसमें एक महिला को आग लगाते हुए पकड़ा है।
उन्होंने कहा कि जंगल की आग में ना जाने कितने ही पशु पक्षी, वन्य जीव जन्तु, कीड़े मकोड़े, रेंगने वाले जीव आग में जल कर राख हो जाते हैं।इन दिनों कई वन्य जीवों ने अंडे दिये होते हैं वो भी जल जाते हैं । उन्होंने कहा कि इन दिनों कई विचलित करने वाली घटनाएं और तस्वीरें भी हमारे सामने आई है। कहीं पक्षियों ने अंडे दिए हैं वो जलकर राख हो गए हैं कहीं अंडों को बचाते बचाते पक्षी खुद आग में जल गए ।इसलिए जंगल में आग लगाकर महापाप का भागीदार ना बनें।हमें जंगलों में आग लगने से रोकना होगा ताकि हम जंगलों में पेड़ पौधों के साथ साथ वन्य जीव जन्तुओं की भी जान बचा सकें। वहीं उन्होंने कहा कि 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस है इसके उपलक्ष्य पर हम स्कूलों में जाकर बच्चों को पर्यावरण के बारे में जागरूक कर बनों के महत्व के वारे में बता रहे हैं। साथ ही जो जंगली बूटी पंचफुल्ली , लेंन्टीना है जो कि जंगलों में होती थी अब मलकिती भूमि में होने लगी है उसको कैसे साईंटिफिक तरीके से हटाना है उसके बारे में भी लोगों को जागरूक कर रहे हैं। ताकि किसान अपनी भूमि से पंचफुल्ली को हटाकर कृषि, खेती बाड़ी कर सकें।