गृह मंत्रालय (MHA) ने यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (Ulfa) के साथ हस्ताक्षरित समझौते के सभी शर्तों के पूर्णतः लागू होने की जांच के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है. अतिरिक्त सचिव (Northeast-MHA) पीयूष गोयल की अध्यक्षता वाली समिति के अन्य सदस्यों में असम सरकार में विशेष शाखा में अतिरिक्त मुख्य सचिव (Home), अतिरिक्त महानिदेशक और संगठन के स्वयंभू महासचिव और विदेश सचिव अनूप चेतिया और शशधर चौधरी शामिल हैं.
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘समिति उल्फा के साथ हस्ताक्षरित समझौते के समयबद्ध कार्यान्वयन की समीक्षा करेगी. समिति की पहली बैठक इसी सप्ताह होने वाली है. अधिकारी ने कहा, ‘समझौते के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा करने के लिए समिति के सदस्य समय-समय पर बैठक करेंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इसे पांच साल की विशिष्ट समय सीमा के भीतर पूरी तरह से लागू किया जाए.’
संवाददाता से बात करते हुए उल्फा नेता अनुप चेतिया ने कहा कि समिति समझौते का समयबद्ध कार्यान्वयन सुनिश्चित करेगी. उल्फा नेताओं ने हाल ही में गुवाहाटी में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा से मुलाकात की थी और संगठन के कैडरों के पुनर्वास और समझौते के कार्यान्वयन पर चर्चा की थी. सरमा ने उल्फा नेताओं को आश्वासन दिया था कि समझौते के तहत बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का कार्यान्वयन लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद शुरू हो जाएगा.
उल्फा कैडरों के पुनर्वास के संबंध में चेतिया ने कहा कि प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी. चेतिया ने कहा, ‘हमने शीघ्र पुनर्वास प्रक्रिया के लिए अपने सदस्यों की सूची जमा कर दी है और उम्मीद है कि प्रक्रिया अगले महीने शुरू होगी. संगठन ने सरकार को पुनर्वास के लिए 850 कैडरों की सूची सौंपी है. सूत्रों के मुताबिक, सरकार संगठन के सदस्यों को कौशल विकास पाठ्यक्रम प्रदान करने की भी योजना बना रही है, क्योंकि कई सदस्यों ने कृषि और अन्य संबद्ध क्षेत्रों में काम करने में इच्छा जताई है.
उल्फा-इंडिपेंडेंट के प्रमुख कमांडर परेश बरुआ के बारे में पूछे जाने पर चेतिया ने उम्मीद जताई है कि बरुआ भी आगे की बातचीत के लिए आएंगे. उन्होंने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि परेश बरुआ भी बातचीत के लिए आएंगे.’ गौरतलब है कि केंद्र सरकार और असम सरकार ने हाल ही में असम में दशकों पुराने उग्रवाद के अध्याय को समाप्त करते हुए उल्फा के साथ त्रिपक्षीय शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.