पंडोह में 9 जुलाई को भीषण बाढ़ के कारण सैंकड़ों लोग घर से बेघर हो गए। घरों में पानी के साथ भारी मात्रा में सिल्ट और गाद भर गई थी इस कारण वहां रहना संभव नहीं था। ऐसे दौर में बहुत से लोगों ने एक-दूसरे की मदद कर प्रभावितों को अपने घरों में पनाह दी। लेकिन जो प्रवासी लोग थे, उन्हें कहीं पर भी शरण नहीं मिल रही थी। ऐसे में थर्ड बटालियन पंडोह के कमांडेंट आईपीएस अधिकारी भगत सिंह ठाकुर ने मदद का हाथ बढ़ाया। भगत सिंह ठाकुर ने 14 प्रवासी परिवारों के 50 प्रभावितों को न सिर्फ बटालियन परिसर में पनाह दी, बल्कि तीन समय के भोजन और रहने की उचित व्यवस्था भी की।
एक सप्ताह से भी अधिक समय तक यह प्रभावित प्रवासी थर्ड बटालियन पंडोह में ही रहे, यहां उनकी सेवा पुलिस जवानों द्वारा की गई। समय के साथ-साथ जैसे-जैसे पंडोह बाजार में सफाई होती गई, वैसे-वैसे यह प्रभावित वापिस अपने घरौंदो की तरफ लौट गए। मौजूदा समय में भी दो परिवारों के 9 लोग यहीं पर शरण लिए हुए हैं। प्रभावित प्रवासियों ने थर्ड बटालियन की पूरी टीम का आभार जताया है।
प्रवासियों ने कहा कि उन्हें घर जैसा माहौल मिला और इस बात का अहसास नहीं होने दिया कि वो किसी दूसरे राज्य से हैं। इसके अलावा आपदा के समय में 10 टूरिस्टों के लिए भी कमांडेंट की तरफ से भोजन की व्यवस्था की गई थी। कमांडेंट भगत सिंह ठाकुर और उनकी बटालियन द्वारा किए गए कार्यों की डीजीपी संजय कुंडू ने जमकर तारीफ की है।
हमने आदेशों का पालन कर जनसेवा की
थर्ड बटालियन पंडोह के कमांडेंट भगत सिंह ठाकुर ने बताया कि हिमाचल प्रदेश पुलिस की तरफ से आपदा के समय प्रभावितों की हर संभव मदद करने के आदेश थे। ऐसे में पूरी पुलिस फोर्स (Police Force) ने अपने स्तर पर लोगों की यथासंभव मदद की है। पंडोह में बाढ़ के कारण काफी ज्यादा नुकसान हुआ। ऐसे में हमें भी 50 के करीब प्रभावितों की सेवा करने का सौभाग्य मिला। बटालियन के सभी जवानों ने प्रभावितों को परिवार की तरह रखा और उनकी पूरी सेवा की। इसके लिए सभी जवान बधाई के पात्र है। भविष्य में भी थर्ड बटालियन(3rd IRB) लोगों की सेवा में पूरी तरह से तत्पर रहेगी।
भगत सिंह ठाकुर की टीम बधाई की पात्र
डीजीपी संजय कुंडू ने कहा कि आपदा के समय दूसरों की मदद करने जैसे पुनीत कार्य के लिए थर्ड बटालियन पंडोह के कमांडेंट भगत सिंह ठाकुर और पूरी टीम बधाई की पात्र है। हिमाचल पुलिस ने इस आपदा के समय में अपनी बेहतरीन भूमिका निभाई है। जवानों के योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता।