कौलावालाभूंड इलाके में “सांपों” ने उड़ा रखी है “नींद”, 30 के पार हो सकता है आंकड़ा

विकासखंड के कौलावालाभूंड इलाके में “सांप” की दहशत बरकरार है। एक मोटे अनुमान के मुताबिक कौलावालाभूंड इलाके की पंचायतों में जुलाई महीने में सर्पदंश की करीब ढाई दर्जन घटनाएं हो चुकी है। करीब डेढ़ सप्ताह पहले इलाके में 10 साल के मासूम की सांप के काटने की वजह से मौत भी हो गई थी। ये तो शुक्र है, कौलावालाभूंड में 108 एम्बुलेंस की स्थाई सेवा उपलब्ध है अन्यथा बड़ी संख्या में अनमोल जीवन भी खोने पड़ सकते थे।

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आलम यह है कि पंचायतों में सांपों का खौफ बना हुआ है। इसके लिए ग्रामीणों द्वारा जहरीले कीटनाशक का छिड़काव भी किया जा रहा है साथ ही घरेलू नुस्खे भी अपनाए जा रहे हैं। एमबीएम न्यूज नेटवर्क को मिली जानकारी के मुताबिक 108 एंबुलेंस में ही डेढ़ दर्जन से अधिक मरीजों को मेडिकल कॉलेज पहुंचाया गया, इसमें से आधा दर्जन मरीज दाखिल भी है।

वीरवार को भी इलाके की क्यारी पंचायत में सर्पदंश की दो घटनाएं सामने आई। 12 साल की बच्ची को सांप ने पांव में तीन बार काट लिया, इसके अलावा एक 55 वर्षीय व्यक्ति को भी सांप ने काटा। गनीमत की बात है कि क्षेत्र में स्थाई तौर पर तैनात 108 एंबुलेंस सेवा में बच्ची को फ़ौरन ही नाहन मेडिकल कॉलेज पहुंचाया गया। सर्पदंश के मरीजों को तत्काल ही प्रारंभिक उपचार के अलावा एंबुलेंस सुविधा उपलब्ध हो गई।

ग्रामीणों की मानें तो पहले 108 एंबुलेंस सेवा नाहन से यहां पहुंचती थी, इस कारण मरीजों को तत्काल स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिलती थी, कई मरीज दम भी तोड़ देते थे। खास बात यह है कि 108 एंबुलेंस सेवा की टीम बेहद ही हौसले से इलाके में कार्य कर रही है।  इलाके को दो तरफ से सड़क नाहन से जोड़ती है, लेकिन दोनों तरफ से लैंडस्लाइड के कारण सड़क बार-बार अवरुद्ध हो रही है।  इसके बावजूद 108 के पायलट व ईएमटी द्वारा हौसले से मरीजों को जैसे- तैसे मेडिकल कॉलेज तक पहुंचा रहे हैं।  विकास खंड की कौलावालाभूंड पंचायत के उप प्रधान अनिल राजपूत ने कहा कि अकेले इसी पंचायत में सर्पदंश की एक दर्जन से अधिक घटनाएं हो चुकी हैं। इसके अतिरिक्त समीप की पंचायतों में रोजाना घटनाएं हो रही है।

उन्होंने 108 एंबुलेंस सेवा का आभार प्रकट करते हुए कहा कि यह सेवा स्थाई रूप से उपलब्ध न होने की सूरत में सांप के काटने से मरीजों की मौत हो सकती थी। आपको बता दें कि क्षेत्र का कौलावालाभूंड मार्ग बनोग मार्ग अवरुद्ध पड़ा हुआ है। केवल सैनवाला से ही नाहन तक पहुंचा जा सकता है। उधर, ये भी बताया जा रहा है कि सर्पदंश के काफी मामले अस्पताल भी नहीं पहुंच रहे क्योंकि लोग अपने स्तर पर ही  उपचार के घरेलू तरीके भी अपना रहे हैं।

उधर, ग्रामीणों द्वारा स्थानीय स्वास्थ्य संस्थानों में सर्पदंश के उपचार की किट उपलब्ध करवाने की मांग भी की जा रही है। ताकि रोगी को प्राथमिक उपचार के बाद रैफर किया जा सके। ऐसा भी बताया गया कि 108 सेवा द्वारा कई मर्तबा मरीजों को ऑक्सीजन की मदद से मेडिकल कॉलेज तक पहुंचाया गया।